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शिवसेना ने फडनवीस सरकार पर साधा निशाना, कहा- ”जय जवान, जय किसान” के नारे का अपमान

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मुंबई : शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य प्रशांत परिचारक का निलंबन रद्द करने को लेकर अपने सहयोगी भाजपा की शनिवार को आलोचना की. वह पिछले साल सैनिकों की पत्नियों के बारे में टिप्पणी कर विवादों में घिर गये थे. उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली पार्टी ने इस निलंबन को जवानों और उनके परिवारों पर महाराष्ट्र सरकार का ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करार दिया.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि जय जवान, जय किसान नारे का वर्तमान भाजपा सरकार ने अपमान किया है. यह ऐसा है कि उसने प्रशांत परिचारक के स्वागत में लाल कालीन बिछा दी है. उनके निलंबन के प्रस्ताव का सभी पार्षदों द्वारा विरोध किया जाना चाहिए जैसा कि उन्होंने एक मत से उनके निलंबन की मांग की थी. इसी हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने परिचारक का निलंबन निरस्त किया था.

शिवसेना ने कहा कि परिचारक का निलंबन रद्द करना लाखों सेवारत एवं सेवानिवृत सैनिकों एवं उनके परिवारों पर महाराष्ट्र सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक है. सैनिकों का अपमान करना शिवाजी महाराज का अपमान करना है, लेकिन सत्ता के मद में चूर भाजपा को इसका अहसास नहीं है. भाजपा समर्थित विधानपरिषद सदस्य परिचारक ने सैनिकों की पत्नियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उसके बाद उन्हें पिछले साल नौ मार्च को विधानपरिषद से निलंबित कर दिया गया था. बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांग ली.

मुंबई : शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य प्रशांत परिचारक का निलंबन रद्द करने को लेकर अपने सहयोगी भाजपा की शनिवार को आलोचना की. वह पिछले साल सैनिकों की पत्नियों के बारे में टिप्पणी कर विवादों में घिर गये थे. उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली पार्टी ने इस निलंबन को जवानों और उनके परिवारों पर महाराष्ट्र सरकार का ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करार दिया.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि जय जवान, जय किसान नारे का वर्तमान भाजपा सरकार ने अपमान किया है. यह ऐसा है कि उसने प्रशांत परिचारक के स्वागत में लाल कालीन बिछा दी है. उनके निलंबन के प्रस्ताव का सभी पार्षदों द्वारा विरोध किया जाना चाहिए जैसा कि उन्होंने एक मत से उनके निलंबन की मांग की थी. इसी हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने परिचारक का निलंबन निरस्त किया था.

शिवसेना ने कहा कि परिचारक का निलंबन रद्द करना लाखों सेवारत एवं सेवानिवृत सैनिकों एवं उनके परिवारों पर महाराष्ट्र सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक है. सैनिकों का अपमान करना शिवाजी महाराज का अपमान करना है, लेकिन सत्ता के मद में चूर भाजपा को इसका अहसास नहीं है. भाजपा समर्थित विधानपरिषद सदस्य परिचारक ने सैनिकों की पत्नियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उसके बाद उन्हें पिछले साल नौ मार्च को विधानपरिषद से निलंबित कर दिया गया था. बाद में उन्होंने अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांग ली.

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