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कार्ति प्रकरण : सीबीआई सरकार का ‘ पिंजड़े में बंद तोता नहीं बल्कि गाने वाला तोता है” : सिब्बल

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नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई द्वारा कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि भारतीय जांच एजेंसियां अब सरकार के ‘पिंजड़े में बंद तोते नहीं, बल्कि गानेवाले तोते’ हैं. उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई में कार्ति का प्रतिनिधित्व […]

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नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई द्वारा कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि भारतीय जांच एजेंसियां अब सरकार के ‘पिंजड़े में बंद तोते नहीं, बल्कि गानेवाले तोते’ हैं.

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उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई में कार्ति का प्रतिनिधित्व कर रहे सिब्बल ने कहा कि यह विशुद्ध रूप से ‘बदले की राजनीति’ है क्योंकि सीबीआई असहाय है और उसे इंद्रानी मुखर्जी के बयान का सहारा लेना पड़ा जो अपनी ही बेटी की हत्या के आरोप से घिरी हैं. सिब्बल ने कहा, ‘यह कार्रवाई जांच एजेंसियों की हताशा दिखाती है जिसने कार्ति पर संपत्तियां एकत्र करने और बैंक खातों का आरोप लगाया. उनके खिलाफ रत्ती भर सबूत नहीं है. सबूत इकट्ठा करने में विफल रहने के बाद सीबीआई अब (इंद्राणी मुखर्जी के) धारा 164 के बयान का सहारा ले रही है.’

सिब्बल ने कहा, ‘आज भारत में जांच संगठनों का यह चरित्र है जो पिंजड़े में बंद तोता नहीं, बल्कि सरकार के गीत गोन वाला तोता है.’ सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोई भी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट किसी जांच के दौरान किसी का इकबालिया बयान या बयान ले सकता है, चाहे उसका क्षेत्राधिकार हो या नहीं. वरिष्ठ वकील ने आरोप लगाया कि कार्ति को गिरफ्तार करनेवाली सीबीआई सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ कांड में सभी आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘यह वही सीबीआई है जिसने कई मामलों में गवाहों को 164 के अपने बयान से मुकरने दिया. यदि यह हमारी जांच एजेंसियों की स्थिति है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि कानून की प्रक्रिया कितनी प्रदूषित हो गयी है.’ दिल्ली की एक विशेष अदालत ने गुरुवारको यहां कार्ति को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

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