नयी दिल्ली : बाबरी मस्जिद – राम जन्मभूमि विवाद के विषय पर मध्यस्थता की कोशिश करने वाले ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि अयोध्या विवाद के हल के लिए फॉर्मूला देने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैन नदवी को ऑल इंडिया प्रर्सनल लॉ बोर्ड ने बर्खास्त कर दिया है. नदवी की बर्खास्तगी की पुष्टि कसीम इलियास ने की.

नदवी ने 8 फरवरी को श्री श्री के साथ बैठक कर अयोध्या विवाद का हल निकालने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया था. लेकिन नदवी के सुझाव से पर्सनल लॉ बोर्ड काफी नाराज था और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया था. हैदराबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक आज तीसरे दिन भी जारी है.

इधर बर्खास्‍तगी के बाद नदवी ने कहा, शरियत में मस्जिद को शिफ्ट करने का प्रावधान है. मैं हिंदू-मुस्लिम एकता और मामले को सुलझाने की बात कर रहा हूं. मैं अयोध्या में संतों से मिलूंगा, इसके अलावा पूरे भारत में हिंदू भाइयों के चर्चा करूंगा.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुक्रवार को ही बैठक में नदवी के फॉर्मूले को सिरे से खारिज कर दिया था. बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवाद पर अपना पूर्व का रुख दोहराते हुए लॉ बोर्ड ने कहा बाबरी मस्जिद इस्लाम में विश्वास का एक अनिवार्य हिस्सा है और मुसलमान कभी भी मस्जिद का त्याग नहीं कर सकते हैं और न ही वह जमीन के लिए मस्जिद, उपहार मस्जिद भूमि का आदान-प्रदान कर सकते हैं. बाबरी मस्जिद एक मस्जिद है और यह अनंत काल तक एक मस्जिद रहेगी. विध्वंस करने से इसकी पहचान कभी भी घटती नहीं.

* श्रीश्री ने अयोध्या मुद्दे पर मध्यस्थता की थी कोशिश
बाबरी मस्जिद – राम जन्मभूमि विवाद के विषय पर अपनी मध्यस्थता की कोशिशें फिर से शुरू करते हुए ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ (एओएल) के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने एआईएमपीएलबी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों सहित मुस्लिम नेताओं के साथ एक बैठक की थी. सुन्नी वक्फ बोर्ड, ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के प्रमुख सदस्यों और अन्य ने रवि शंकर से मुलाकात की थी और अयोध्या विषय का अदालत के बाहर हल किए जाने का समर्थन किया था.