‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : दिल्ली में आठ महीने की बच्ची के साथ हुए रेप की घटना के बाद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल बिफर गयी हैं. उन्होंने पिछले कुछ घंटे में लगातार ट्वीट किया है और अपना आक्रोश जताया है. उन्होंने ट्वीट किया – मैं क्या करुं? मैं लगातार मांग कर रही हूं कि रेपिस्ट को छह महीने में फांसी दिया जाये, पुलिस के संसाधन और जवाबदेही बढ़ाया जाये, लेकिन कुछ नहीं हो रहा. यह आठ महीने की बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ, बल्कि राज्य महिला आयोग का रेप हुआ है.
हैवानियत : 8 माह की बच्ची के साथ बलात्कार, खून में लथपथ छोड़कर भागा, वेंटिलेटर पर बच्ची
क्या करुं? महिला आयोग की अध्यक्ष कटोरा लिय खड़ी है। 6 महीने में रेपिस्ट को फांसी दो, पुलिस के संसाधन जवाबदेही बढाओ, केंद्र महिला सुरक्षा पे उच्च समिति बनाय।
2 साल में खूब पत्र लिखे, कोर्ट गयी, सत्याग्रह किया -पर कुछ न बदला। 8 महीने की बच्ची का रेप नहीं महिला आयोग का रेप हुआ है।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 30, 2018
What to do? How can Delhi sleep today when 8 month baby has been brutally raped in Capital? Have we become so insensitive or we have simply accepted this as our fate? Where is the sena which attacked a school bus to 'protect honour'? No one to ask questions from the system now?
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 29, 2018
उन्होंने कहा कि मैं गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर के बाहर भी बैठी और मांग की कि बलात्कारियों को छह महीने के अंदर फांसी दी जाये, लेकिन कुछ नहीं हुआ. स्वाति मालीवाल ने लिखा- एक आठ महीने की बच्ची के साथ रेप हुआ है, ऐसे में दिल्ली खामोश कैसे रह सकता है.
स्वाति ने लिखा 8 महीने की बच्ची की दिल दहला देने वाली चीखों से पूरा ICU गूंज रहा है.
8 महीने की बच्ची का रेप! आज रेपिस्ट को डर न लगता। बच्चो के बलात्कारी को हर हाल में तुरंत फांसी हो- इसके लिये मैं @rajnathsingh जी के घर के बाहर भी बैठी। पर सिस्टम न हिला।@narendramodi जी-लड़कियों की रक्षा के लिए सख्त कानून & पुलिस की जवाबदेही व संसाधन बढाएं 🙏। सर, बेटी बचायें।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 29, 2018
तीन घंटे तक मासूम का आपरेशन हुआ. 27 साल के बेरहम रेपिस्ट ने उसे खून में लथपथ छोड़ दिया. अंदरूनी अंगों पर अमानवीय चोटें आयी हैं. कौन जिम्मेदार है? पूरा सिस्टम नपुंसक हो चुका है. किसी को फर्क नहीं पड़ता. कब बदलाव होगा? गौरतलब है कि दिल्ली में एक आठ माह की बच्ची के साथ उनके रिश्तेदार ने रेप किया है, जिससे बच्ची की स्थिति बहुत खराब है और वह आईसीयू में भरती है.