आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने एक न्यूज चैनल से कहा है कि पार्टी ने उनसे बातचीत की प्रक्रिया स्थगित कर दी है. उल्लेखनीय है कि कुमार विश्वास ने पिछले दिनों राज्यसभा की तीन सीटों के लिए उम्मीदवार चयन पर नाराजगी जतायी थी. कुमार विश्वास स्वयं राज्यसभा की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल थे.
दिल्ली हाइकोर्ट में आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता के सवाल पर सुनवाई शुरू, छह विधायक हैं मौजूद.
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता पर संकट को देखते हुए चुनावी हलचल भी तेज होने की बात कही जा रही है. कांग्रेस की एक बैठक चल रही है.यह बैठकअजयमाकन नेबुलायीहै. जबकि भाजपा भी अपने लिए संभावनाएं देख रही है.
We demanded copy of the letter but we have got nothing from the Election Commission. There has been no hearing. The matter is sub judice in the high court: Rajesh Gupta, Aam Aadmi Party MLA who has reportedly been disqualified in Office of Profit case pic.twitter.com/oTP0Jy1ieN
— ANI (@ANI) January 19, 2018
नयी दिल्ली : अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है. इस संबंध में चुनाव आयोग ने आज अपनी एक सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी दी है, जिसमें विधायक रहते हुए उनके संसदीय सचिव बनने की बात कही गयी है और इस लाभ के पद का मामला बताया गया है. इस पर अब अंतिम फैसला राष्ट्रपति को लेना है. मार्च 2015 में आम आदमी पार्टी के 21 विधायक संसदीय सचिव बने थे.मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल ने उनकी नियुक्ति की थी, जिस पर आजभाजपा के प्रवक्ता संवितपात्राने सवालाउठाया और कहा कि जब मामला फंसता दिखा तो केजरीवालने जून 2015 में कानून में संशोधन कराया. आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता के मुद्दे पर आज चुनाव आयोगमेंएक अहम बैठक हुई, जिसमें इन्हें अयोग्य माना गया. इसके आधार पर आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अंतिम निर्णय के लिए अपनी अनुशंसा भेज दी है. वहीं, आम आदमी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति पर आरोप लगाया कि वे अपने रिटायरमेंट से पहले इस मामले में जबरन फैसला देना चाहते हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस मामले में दिल्ली हाइकोर्ट का रुख किया है, जबकि उसके तीन विधायकपक्ष रखने शाम में चुनाव आयोग पहुंचे हैं.
चुनाव आयोग कभी इतना नीचे नहीं गिरा : आशुतोष
चुनाव आयोग द्वारा अपने 20 विधायकों को कथित तौर पर लाभ के पद पर काबिज रहने के कारण अयोग्य घोषित किये जाने की अनुशंसा से नाराज आम आदमी पार्टी :आप: ने आज कहा कि आयोग ‘इतना नीचे कभी नहीं गिरा’ था. पार्टी नेता आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग को पीएमओ का लेटर बॉक्स नहीं बनना चाहिए. लेकिन आज के समय में यह वास्तविकता है.’ पत्रकारिता छोड़ राजनीति में उतरने वाले आशुतोष ने कहा, ‘‘(टीएन शेषन) के समय में रिपोर्टर के तौर पर चुनाव आयोग कवर करने वाला मेरा जैसा व्यक्ति कह सकता है कि निर्वाचन आयोग कभी इतना नीचे नहीं गिरा.’
There is no credible information. All reports are based on sources. I want to ask if people from constituencies of these 21 MLAs have seen them utilising government facilities like car, house or salary.No hearing has been held before EC until now: Saurabh Bhardwaj,Aam Aadmi Party pic.twitter.com/C8oCFObB2L
— ANI (@ANI) January 19, 2018
इस संबंध में याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति से लाभ का पद का मामला बताते हुए विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. याचिककर्ता का कहना है कि राष्ट्रपति का कोई फैसला लाभ के पद के मामले में आता है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में सुनौती नहीं दी जा सकती है.
आम आदमी पार्टी सदस्यता मामले में दिल्ली हाइकोर्ट गयी.
Aam Aadmi Party approached Delhi High Court against Election Commission's recommendation to disqualify their 20 MLAs in Office of Profit case.
— ANI (@ANI) January 19, 2018
वहीं, कुछ अन्य कानून विशेषज्ञों की कुछ और राय है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस पर कोई निर्णय लेते हैं तो क्या स्थिति उत्पन्न होती है. हालांकि विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर दिल्ली में इनकी सीटों पर दोबारा चुनाव कराना पड़ेगा.
वर्तमान में आम आदमी पार्टी के 66 विधायक है और दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 विधायकों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में केजरीवाल सरकार को कोई खतरा नहीं है.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वाइलिफिकेशन एक्ट – 1997 में संशोधन किया था, जिसका उद्देश्य विधायकों को संसदीय सचिव बनाने की स्थिति में उन्हें लाभ के पद के दायरे से बाहर रखना था. पर, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे नहीं माना.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कई टीवी चैनल में यह खबर चल रही है कि चुनाव आयोग ने अपनी अनुशंसा राष्ट्रपति को भेज दी है. यह खबर सूत्रों के हवाले से चल रही है, जबकि काई पुख्ता सूचना अभी नहीं है. लाभ के पद का मामला क्या होता है, क्या उन विधायकों को सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगला मिला या तनख्वाह मिली. क्या इन 21 विधायकों के पास सरकारी बंगला, गाड़ी है या इन्हें कोई तनख्वाह मिली. इसे चुनाव आयोग के पास रखना था, लेकिन इसकी सुनवाई हुई नहीं.
प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस के तहत जिन पर मुकदमा चल रहा होता है, उन्हें एक मौका दिया जाता है अपनी बात रखने का, लेकिन अभी तक जिन विधायकों पर आरोप लगाये गये हैं उन्हें अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया गया है.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे नरेंद्र मोदी के अंदर गुजरात में प्रधान सचिव व मुख्य सचिव रहे हैं. 23 जनवरी 2018 को जोति जी का जन्मदिनहैऔर वे इस दिन 65 साल के हो जायेंगे.तब न मोदी जी न और न ही ब्रह्मा जी उन्हेंमुख्यचुनावआयुक्त के पद पर रख सकते हैं. ऐसे में रिटायर होने से पहले सिर्फ और सिर्फ जोति जी इस मामले में जबरन अपना जजमेंट देना चाह रहे हैं.
इस मामले में भाजपा क्या बोली?
भाजपा के प्रवक्ता संवित पात्रा ने इस मामले में कहा कि आज अन्ना आंदोलन से उत्पन्न हुई पार्टी सर्वोच्च भ्रष्ट साथी प्राप्त करते हुए दिख रही है.उन्होंने कहा कि जहां तक 20 विधायकों की अयोग्यता का मामला है तो यह चोर की दाढ़ी में तिनका वाली स्थिति है. संसदीय सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करते हैं, जब संसदीय सचिव की नियुक्ति का मामला फंसता हुआ दिखता है तो उन्होंने जून 2015 में कानून पास किया.
इन विधायकों पर है लाभ के पद का आराेप
आदर्श शास्त्री
प्रवीण कुमार
अनिल कुमार वाजपेयी
शरद कुमार
सोम दत्त
अवतर सिंह कालरा
मदन लाल
विजेंद्र गर्ग विजय
शिव चरण गाेयल
जरनैल सिंह, रजौरी गार्डन
संजीव झा
कैलाश गहलौत
सरिता सिंह
अलका लांबा
नरेश यादव
मनोज कुमार
जरनैल सिंह तिलकनगर
राजेश गुप्ता
राजेश ऋषि
नितिन त्यागी
सुखबीर सिंह