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नयी दिल्ली : अग्नि 5 का गुरुवार को ओड़िशा के तट पर सफल परीक्षण किया गया. इस परीक्षण के साथ ही भारत ने अपनी मारक क्षमता और मजबूत करने का संदेश पूरी दुनिया को दे दिया है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हमने अग्नि 5 का सफलता पूर्वक परीक्षण किया है. अग्नि 5 मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत कई हथियार ले जाने में और मजबूत हो गया है.
We have successfully launched nuclear capable ballistic missile Agni-V today: Defence Minister Nirmala Sitharaman in Chennai (File pic) pic.twitter.com/6KivWbmZg6
— ANI (@ANI) January 18, 2018
एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के खिलाफ भी यह काम करेगा. इस मिसाइल की जद में पूरा चीन और पाकिस्तान है. अगर पड़ोसी देश के मिसाइल से इसकी तुलना करें, तो चीन के पास DF31A मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 11200 किमी है. वहीं पाकिस्तान के पास शाहीन है 2500 किमी है.
जानिये क्या है खासियत
स्वदेश में विकसित सतह से सतह तक मार करने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. यह 17 मीटर लंबा, दो मीटर चौडा है और इसका प्रक्षेपण भार तकरीबन 50 टन है. यह एक टन से अधिक वजन के परमाणु आयुध को ढोने में सक्षम है. अग्नि श्रृंखला की अन्य मिसाइलों के विपरीत ‘अग्नि-5′ सर्वाधिक आधुनिक मिसाइल है. नैविगेशन और मार्गदर्शन के मामले में इसमें कुछ नयी प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है.
अब चीन की तरफ देख रहा है पाक
चीन अपने ‘सदाबहार’ दोस्त पाकिस्तान संग बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और फाइटर प्लेन सहित रक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सहयोग की योजना बना रहा है. लगता है कि चीन यह कदम भारत की ओर से अग्नि-5 मिसाइल विकसित करने के जवाब के तौर पर उठाने जा रहा है. मेरिकी से दूरी के बाद चीन और पाकिस्तान नजदीक हैं.
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में पाकिस्तान के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की चीन की योजना के बारे में छपी खबरों के बारे में पूछे जाने पर चुनयिंग ने कहा,‘इस समाचार विज्ञप्ति में हमें बैलेस्टिक मिसाइलों से संबंधित समझौते के बारे में कुछ नहीं मिला. चीन और पाक सामान्य रक्षा आदान-प्रदान तथा वाजिब सहयोग रखते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या 1998 के यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए पाक संग मिसाइलों को लेकर बीजिंग निकटता से काम करने को तैयार है तो हुआ ने कहा कि यूएन के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे यूएन प्रस्तावों का पालन करें.
भारत बना रहा है 12,000 किलोमीटर मार करने वाली मिसाइल
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण करने के बाद भारत 12,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहा है. पूर्व में भारत ने 5000 किलोमीटर मारक क्षमता वाली मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया है. भारत की अगली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की मारक क्षमता 12,000 किलोमीटर होगी. इस प्रकार का मिसाइल तैयार करने के बाद भारत की जद में पूरी दुनिया होगी.
पिछले दिनों रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में आर्मामेंट रिसर्च बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एस के सलवान ने संकेत दिये थे कि भारत 10,000 किलोमीटर से अधिक दूरी की मारक क्षमता वाला मिसाइल बनाना चाहता है. उन्होंने एक सम्मेलन के इतर कहा था, ‘भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का हाल ही में सफल परीक्षण किया है, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है. लेकिन हम आईसीबीएम विकसित करने में सक्षम हैं जो 10,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाना साध सकती है.’
इन देशों के पास है 10,000 किलोमीटर मार करने वाली मिसाइल
वर्त्तमान में अमेरिका, रूस और चीन के पास 10,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मारक क्षमता वाली मिसाइल है. अमेरिका के पास परमाणु क्षमता सम्पन्न सबसे प्रमुख मिसाइल मिनुटेमन-3 है, जिसकी मारक क्षमता 13,000 किलोमीटर तक है. यह मिसाइल 500 की संख्या में 2020 के लिए सेवारत है. अमेरिका के ही पास पनडुब्बी से छोड़ी जा सकने वाली मिसाइल ट्राइडेंट डी-5 भी है, जो 12,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है और 2,800 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है.
रूस के पास आरएस-24 मिसाइल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह 10,500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. यह आरटी-2यूटीटीएच टोपोल-एम का उन्नत संस्करण है.1,200 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. चीन के पास भी लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइलें हैं. चीन की प्रमुख अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल डीएफ-5ए की क्षमता 13,000 किलोमीटर तक माना जाता है. यह मिसाइल 3,200 किलोग्राम तक विस्फोट ले जाने में सक्षम है. चीन के पास भी पनडुब्बी से छोड़ी जा सकने वाली जेएल-2 मिसाइल है, जो 8,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है.