नयी दिल्ली : आर्थिक वृद्धि दर को लेकर नये अनुमान के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है. राहुल ने ट्वीट के जरिये तंज कसते हुए कहा है कि जेटली की प्रतिभा के साथ मोदी की सकल विभाजनकारी राजनीति (जीडीपी) देश को कहां ले जा रही है.
राहुल ने एक ट्वीट कर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को एक नया नाम दिया. उन्होंने एक ट्वीट में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में नया निवेश पिछले 13 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है. साथ ही बैंक के ऋण कारोबार में वृद्धि 63 वर्षों में निम्नतम स्तर पर है. उन्होंने कहा कि नौकरियों के मौके पिछले आठ सालों में सबसे कम हैं, सकल मूल्य वर्धन के आधार कृषि उत्पादन में वृद्धि की दर 1.7 फीसदी तक कम हुई और राजकोषीय घाटा पिछले आठ सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा है और साथ ही परियोजनाएं भी बीच में लटकी हुई हैं. कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट के साथ एक समाचार वेबसाइट की खबर भी पोस्ट की है.
जिसमें कहा गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर रह सकती है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने राष्ट्रीय लेखा खातों का अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह कहा है. पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी. वर्ष 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी.
नयी दिल्ली : आर्थिक वृद्धि दर को लेकर नये अनुमान के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है. राहुल ने ट्वीट के जरिये तंज कसते हुए कहा है कि जेटली की प्रतिभा के साथ मोदी की सकल विभाजनकारी राजनीति (जीडीपी) देश को कहां ले जा रही है.
राहुल ने एक ट्वीट कर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को एक नया नाम दिया. उन्होंने एक ट्वीट में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में नया निवेश पिछले 13 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है. साथ ही बैंक के ऋण कारोबार में वृद्धि 63 वर्षों में निम्नतम स्तर पर है. उन्होंने कहा कि नौकरियों के मौके पिछले आठ सालों में सबसे कम हैं, सकल मूल्य वर्धन के आधार कृषि उत्पादन में वृद्धि की दर 1.7 फीसदी तक कम हुई और राजकोषीय घाटा पिछले आठ सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा है और साथ ही परियोजनाएं भी बीच में लटकी हुई हैं. कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट के साथ एक समाचार वेबसाइट की खबर भी पोस्ट की है.
जिसमें कहा गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर रह सकती है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने राष्ट्रीय लेखा खातों का अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह कहा है. पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी. वर्ष 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी.