लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक बुलायी

नयी दिल्ली: संसद के 15 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है ताकि सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जा सके. लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोकसभा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2017 2:42 PM
an image

नयी दिल्ली: संसद के 15 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है ताकि सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जा सके. लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 14 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें वे लोकसभा के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ चर्चा करेंगी. यह बैठक शाम साढ़ सात बजे बुलायीगयी है. सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष के साथ राजनीतिक दलों की चर्चा के बाद रात्रिभोज भी होगा. इससे पहले सरकार ने भी गुरुवार को ही सर्वदलीय बैठक बुलायी है.

उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा. संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने की उम्मीद है, क्योंकि कांग्रेस समेत विपक्षी दल कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले सकते हैं. संभावना है कि इस सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा नोटबंदी को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला करेगी. कांग्रेस शुरुआत से ही जीएसटी एवं नोटबंदी को लागू करने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताती आयी है.

गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते रहे हैं. राहुल नोटबंदी को लेकर भी मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं. ऐसे में शीतकालीन सत्र में राजग सरकार को कांग्रेस का विरोध झेलना पड सकता है. शीतकालीन सत्र का समय आगे बढाने के निर्णय पर भी विपक्ष सरकार को घेर सकता है. संसद सत्र के दौरान ही 18 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं. मोदी का गृह प्रदेश होने के कारण गुजरात के चुनाव परिणाम पर भी सब की नजर रहेगी. कांग्रेस, भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पर राफेल समझौते में घोटाले का आरोप लगाती आयी है. ऐसे में यह मुद्दा भी संसद में गरमा सकता है. इन सब के अलावा इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा होने की संभावना है.

Exit mobile version