‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : समझा जाता है कि चुनाव आयोग ने सरकार को चुनावी राज्य गुजरात में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दर कम करने का प्रचार नहीं करने की सलाह दी है क्योंकि इससे राज्य के मतदाता प्रभावित हो सकते हैं जहां नौ दिसंबर को पहले चरण का मतदान होना है. हालांकि आयोग ने उत्पादों का उल्लेख किये बिना सरल की गयी कर प्रक्रिया का विज्ञापन करने की अनुमति दे दी है. यह जानकारी आज चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दी. एक अधिकारी ने कहा, पहले मसौदे पर चुनाव आयोग ने सलाह दी है कि ऐसा कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाए जो मतदाताओं को प्रभावित करने वाला हो.
जाहिर तौर पर लोगों को प्रक्रियाओं से अवगत कराना होगा, इसलिए आयोग ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है. आयोग ने सलाह दी है कि जीएसटी की दर कटौती पर विज्ञापन 14 दिसंबर को मतदान का दूसरा चरण पूरा होने के बाद ही जारी किये जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने पहले केंद्र सरकार को हिमाचल प्रदेश और गुजरात के लिए मनरेगा योजना के तहत राशि की दूसरी किस्त जारी करने की अनुमति दे दी थी जिसमें यह शर्त लगा दी गयी थी कि इस संबंध में बिल्कुल भी प्रचार नहीं किया जायेगा.
हिमाचल प्रदेश में चुनाव नौ नवंबर को संपन्न हो चुके हैं. मतगणना गुजरात के साथ ही 18 दिसंबर को होगी.