‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच नाजुक संतुलन को कायम रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सब समान हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के तीनों अंगों को अपनी स्वतंत्रता को लेकर सचेत रहना चाहिए और अपनी स्वायत्तता की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि उन्हें सजग रहना चाहिए कि वे अनजाने में भी दो अन्य शाखाओं में से किसी एक के क्षेत्र में घुसपैठ कर शक्तियों को अलग कर आपसी भाईचारे को बाधित नहीं करें.राष्ट्रपति ने आज यहां उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य की तीनों शाखाओं के बीच के संबंधों पर गौर करते समय नाजुक संतुलन को ध्यान में रखना अहम है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका- सभी समान हैं.