नयी दिल्ली : असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंतबिस्वसरमा का बयान विवादों में है. उन्होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को पिछले जन्म का पाप करार दे दिया है. अपने इस बयान पर वह अबतक कायम है. एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने गीता का उदाहरण देते हुए कहा, उसमें स्पष्ट तौर पर इसका जिक्र है.
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दु:खद बयान : मंत्रीजी को गीता से मिला ज्ञान, कैंसर तो है पूर्व जन्म के कर्मों का परिणाम
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नयी दिल्ली : असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंतबिस्वसरमा का बयान विवादों में है. उन्होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को पिछले जन्म का पाप करार दे दिया है. अपने इस बयान पर वह अबतक कायम है. एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने गीता का उदाहरण देते हुए कहा, उसमें स्पष्ट तौर पर इसका जिक्र […]

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उन्होंने कहा, ‘कैंसर होना, एक्सीडेंट होना ये सब पूर्व जन्म के कर्मों का नतीजा है. ये ईश्वरीय न्याय है, ईश्वरीय न्याय होकर रहता है. कोई इससे बच नहीं सकता. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेताओं ने पल्ला झाड़ लिया. भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, यह गंभीर बीमारी है. इसे कर्मों से नहीं जोड़ना चाहिए. पार्टी इस बयान से सहमत नहीं है. न सिर्फ राजनीति में उनके बयान पर चर्चा है बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया. ‘असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने बयान दिया कैंसर पिछले जन्म के पाप का फल है. एक आदमी पर पार्टी बदलने का क्या ये असर होता है. चिदंबरम का इशारा भाजपा स पूर्व उनकी कांग्रेस की पृष्ठभूमि की ओर था.
हेमंत बिस्व सरमा ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा, ‘सर प्लीज, बयान को तोड़े-मरोड़ें नहीं. हिंदू धर्म कर्म के आधार पर फल पर यकीन करता है और मनुष्य को दुख उन्हीं बुरे कर्मों की वजह से मिलता है जो उसने पिछले जन्म में किया. क्या आप इस पर यकीन नहीं करते? मुझे नहीं पता आपकी पार्टी में हिंदू दर्शन पर चर्चा होती भी है या नहीं.’
कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी को पिछले जन्म से जोड़कर मंत्री स्पष्ट तौर पर इसकेइलाजऔर तकनीकों पर बात करने से पीछे हट रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री को इस बीमारी केइलाजऔर नयी तकनीक की मदद पर चर्चा करनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री ही इसे पुराने जन्म के कर्मों से जोड़े देंगे, तो जनता उनसे क्या उम्मीद रखेगी.
पूरी दुनिया में बढ़ रहे हैं कैंसर के मरीज
कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. ताजा आकड़े के अनुसार 42 फीसद पुरुष और 38 फीसद औरतों को कैंसर होने की आशंका है. ब्रिटेन जैसे देश में हालत और खराब है. वहां 54 फीसद पुरुष और 48 फीसद महिलाओं को कैंसर होने का डर है. एक दूसरे आकड़े के अनुसार पूरी दुनिया में 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोग कैंसर से पीड़ित हैं. भारत में हर दिन 800 लोग इस बीमारी की चपेट में आते है. 2020 तक, विश्व स्तर पर रोगियों की संख्या 2 करोड़ से अधिक हो जायेगी.
कैंसर का इलाज संभव है
कैंसर काइलाज संभव है. भारत सहित कई देशों में इस पर हर दिन रिसर्च हो रहा है. समय रहते इसका पता लगता है तोइलाज संभव है. कैंसर गंभीर बीमारी है इसका इलाज पूरी सावधानी से कराया जाना चाहिए. अगर आपको आशंका है तो पहले सारे टेस्ट कराने चाहिए. टेस्ट के बाद डॉक्टर की सलाह के बगैर किसी भी तरह की दवाई नहीं लेना चाहिए.
कैंसर होने का कारण
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पिछले जन्म के पाप से कोई संबंध नहीं है. मानव शरीर में 100 से 1000 तक खराब सेल्स ( कोशिका) होते हैं. शरीर में हर वक्त नये सेल्स पैदा होते हैं और पुराने सेल्स समाप्त हो जाते हैं. कैंसर होने पर लाल और सफेद रक्त कोशिका का संतुलन बिगड़ता है. इससे सेल्स की बढ़ोतरी हो जाती है. उम्र बढ़ने के साथ ही कोशिकाओं के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया कम होने लगती है.
इस स्थिति में कैंसर का खतरा बढ़ता है. कैंसर किसी भी चीज से हो सकता है. आपका इम्यून सिस्टम कितना मजबूत हैइस पर भी यह निर्भर करता है. अगर आपको नशे की लत है तो कैंसर होने की संभावना अधिक है. सिगरेट, शराब, पान मशाला जैसी चीजें कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं. ज्यादा नमक खाने की आदत. ज्यादा चरबी वाली चीजें या खाना पचने में वक्त लगता हो तो सावधान रहिये. लंबे वक्त के लिए एक जगह पर मत बैठिये.
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