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समंदर में बढ़ी भारत की ताकत, नौसेना बेड़े का हिस्सा बना आइएनएस किलतान, चीन व पाक की चिंताएं बढ़ीं

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विशाखापत्तनम : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने में सक्षम स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस किलतान को सोमवार को यहां पूर्वी नौसेना कमान में जहाजी बेड़े में शामिल किया और कहा कि यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम का चमकता युद्ध पोत है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना […]

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विशाखापत्तनम : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने में सक्षम स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस किलतान को सोमवार को यहां पूर्वी नौसेना कमान में जहाजी बेड़े में शामिल किया और कहा कि यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम का चमकता युद्ध पोत है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में शामिल होनेवाले शिवालिक श्रेणी, कोलकाता श्रेणी और आइएनएस कमोर्ता और आईएनएस कदमट्ट के बाद इसी श्रेणी का तीसरा किलतान नया स्वदेशी युद्धपोत है. यह भारत का पहला मुख्य युद्धपोत है जो कार्बन फाइबर से बना है जिससे इसकी स्टील्थ विशिष्टताएं उन्नत हुई हैं और मरम्मत की लागत कम हुई है. नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एचएस बिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी यहां नौसेना डॉकयार्ड में पोत के जलावतरण कार्यक्रम में शामिल हुए.

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इस मौके पर सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार मेक इन इंडिया के सिद्धांत पर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लक्ष्य को हासिल करने को प्रतिबद्ध है और इस संदर्भ में सभी कदम उठा रही है. सीतारमण ने कहा, आइएनएस किलतान हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और चूंकि यह पूरी तरह यहां बना है तो यह हमारे मेक इन इंडिया कार्यक्रम में चमकता पोत होगा. उन्होंने कहा, केंद्र सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लक्ष्य को हासिल करने को प्रतिबद्ध है और इस दिशा में जरूरी धन प्रदान करने को प्रतिबद्ध है. प्रोजेक्ट 28 कामोर्त श्रेणी के तहत नौसैन्य डिजाइन निदेशालय ने इस पोत का डिजाइन तैयार किया है. आइएनएस किलतान पहला बड़ा युद्धपोत है जिसने प्रायोगिक परियोजना के तौर पर सभी मुख्य हथियारों और सेंसरों का समुद्र में परीक्षण किया है और वह भारतीय नौसेना में शामिल किये जाने के दिन से ही संचालन के लिए तैयार है.

भविष्य में इस युद्धपोत पर जमीन से हवा में मार करनेवाली कम दूरी की मिसाइल प्रणाली और एएसडब्ल्यू भी तैनात किये जायेंगे. इस जहाज का नाम लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह के नजदीक स्थित एक द्वीप के नाम पर है. सीतारमण ने कहा कि आइएनएस किलतान भारतीय नौसेना की आधुनिकीकरण और क्षमता विस्तार की योजनाओं में एक और आयाम है. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना देश की समुद्री सुरक्षा और हित को रक्षा करने तथा बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है.

एडमिरल लांबा ने कहा कि मेक इन इंडिया में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए आइएनएस किलतान उन युद्ध पोतों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है जिनका निर्माण देश के भीतर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, आइएनएस किलतान कामोर्त श्रेणी का तीसरा पोत है और नवोन्मेष एवं सुधार के हमारे इरादे को प्रदर्शित करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्धपोत का वजन 3500 टन है और यह 109 मीटर लंबा है. इसमें चार डीजल इंजन लगे हैं.

आधुनिक हथियार और सेंसर से लैस युद्धपोत 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. इस पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा भी है. युद्धपोत में रॉकेट लॉन्चर भी लगा है. यह रासायनिक, जैविक और परमाणु युद्ध के हालात में भी लड़ सकता है. नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय के डिजाइन पर पर इसे बनाया गया है. इसमें हाइ क्लास स्टील डीएमआर 249 का इस्तेमाल हुआ है.

तटीय और अपतटीय क्षेत्र की निगरानी व गश्त को ध्यान में रखते हुए युद्धपोत आइएनएस तरासा को भी कुछ हफ्ते पहले भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. आइएनएस तरासा को उसके मुख्य कार्य तटों और अपतटों की निगरानी व गश्त के लिए अच्छी मजबूती, उच्च गति और परिवर्तनशीलता के साथ बनाया गया है. इससे पहले दो आइएनएस तारमुगली और आइएनएस टिहायु को वर्ष 2016 में नौसेना में शामिल किया गया था और यह विशखापत्तनम में तैनात हैं.

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