‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
लंदन/नयी दिल्ली : भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि कुछ ही घंटों पर उसे जमानत भी मिल गयी. मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार शराब व्यवसायी विजय माल्या को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने 52 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज कराये गये मामले में गिरफ्तार किया गया था.
माल्या प्रत्यर्पण मामले में पहले से जमानत पर हैं. उन्हें उन्हीं जमानत शर्तों पर छोड़ गया है कि वह चार दिसंबर को सुनवाई के लिये अदालत के समक्ष उपस्थित होंगे. अदालत के बाहर बातचीत में 61 वर्षीय व्यवसायी ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और अपने खिलाफ मामले को घेरने की साजिश बताया.
माल्या ने कहा, मैं सभी आरोपों से इनकार करता हूं और यह इनकार करता रहूंगा. माल्या ने कहा, मैंने किसी अदालत से बच नहीं रहा है. यदि कानूनी तौर पर यहां उपस्थित होना जरुरी है, तो मैं यहां मौजूद रहूंगा. मैंने अपने मामले को साबित करने को कई प्रमाण दिए हैं. न्यायाधीश मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस आर्बुथनोट ने कहा कि माल्या उसी जमानत शर्तों पर जाने को आजाद हैं और उन्हें उन शर्तों का हर हाल में पालन करना होगा.
इससे पहले माल्या के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से पैरवी कर रही ब्रिटेन की क्राउन प्रोसक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने गिरफ्तारी की पुष्टि की थी. सीपीएस प्रवक्ता ने कहा था, विजय माल्या को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा.
#WATCH:Visuals of #VijayMallya leaving Westminster Magistrates' Court after being granted bail;was arrested on fresh money laundering charge pic.twitter.com/oODhQjUuGt
— ANI (@ANI) October 3, 2017
इस बीच, नयी दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार ने माल्या के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, उसी के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई. मामले की जांच प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) कर रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी माल्या और अन्य के खिलाफ मुंबई की अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.
इससे पहले, स्काटलैंड यार्ड ने अप्रैल में माल्या को गिरफ्तार किया था, न्यायाधीश एम्मा लुइस ने ही मामले की सुनवाई की थी. माल्या को प्रवर्तन मामले में सुनवाई के लिये चार दिसंबर को अदालत में पेश होना है. अभी यह देखा जाना है कि दोनों मामले को जोड़ा जाता है या नहीं.
अगर ऐसा होता है तो सुनवाई की तारीख में विलम्ब हो सकता है. माल्या अपनी बंद पड़ी कंपनी किंगिफशर के करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज नहीं चुकाने के मामले में भारत में वांछित हैं. वह पिछले साल मार्च में देश छोड़कर लंदन चले गये थे.