‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) की श्रेणी में क्रीमी लेयर की सीमा को प्रति वर्ष 8 लाख रुपये करने को मंजूरी प्रदान कर दी. यह सीमा केंद्रीय सरकारी नौकरियों में वर्तमान में 6 लाख रुपये प्रति वर्ष है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी दी. उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में संवाददाताओं को बताया कि ओबीसी श्रेणी में 8 लाख रुपये तक प्रति वर्ष आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को इस फैसले के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है.
WATCH: Union Minister Arun Jaitley briefs media after cabinet meeting https://t.co/AMHr66Dz15
— ANI (@ANI) August 23, 2017
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार के लिए एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत अन्य पिछड़ा वर्गों के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार के लिए एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. यह आयोग अपने अध्यक्ष की नियुक्ति की तिथि से 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा. इस आयोग को अन्य पिछड़ा वर्गों के उप वर्गीकरण पर विचार करने वाले आयोग के नाम से जाना जायेगा.
मोदी की नयी ‘राज-नीति’, कैबिनेट ने ओबीसी के वर्गीकरण पर विचार के लिए आयोग गठन को मंजूरी दी
आयोग की सेवा शर्तों में कहा गया है कि यह ओबीसी की व्यापक श्रेणी समेत जातियों और समुदायों के बीच आरक्षण के लाभ के असमान वितरण के बिन्दुओं पर विचार करता है जो ओबीसी को केंद्र सूची में शामिल करने के संदर्भ में होगा. आयोग को ऐसे अन्य पिछड़ा वर्ग के उप वर्गीकरण के लिए वैज्ञानिक तरीके वाला तंत्र, प्रक्रिया, मानदंड और मानक का खाका तैया करने के साथ केंद्र सूची में दर्ज ओबीसी के समतुल्य संबंधित जातियों, समुदायों, उप जातियों की पहचान करने की पहल करनी है एवं उन्हें संबंधित उप श्रेणियों में वर्गीकृत करना है.