#TripleTalaq : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे की रणनीति के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 10 सितंबर को बैठक बुलाई

नयी दिल्ली : ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय के मद्देनजर अपनी अगली रणनीति आगामी 10 सितम्बर को भोपाल में होने वाली अपनी कार्यकारिणी बैठक में तय करेगा. वहीं बोर्ड ने सरकार के साथ टकराव से इनकार कर दिया है. बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2017 6:00 PM

नयी दिल्ली : ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय के मद्देनजर अपनी अगली रणनीति आगामी 10 सितम्बर को भोपाल में होने वाली अपनी कार्यकारिणी बैठक में तय करेगा. वहीं बोर्ड ने सरकार के साथ टकराव से इनकार कर दिया है.

बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने बताया कि बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आगामी 10 सितम्बर को भोपाल में आयोजित की जाएगी, जिसमें तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह बैठक पूर्व निर्धारित थी और इसका एजेंडा कल ही जारी किया गया था.

#Triple Talaq: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया ऐतिहासिक

जीलानी ने बताया कि बैठक के एजेंडा में कई बिंदु हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उच्चतम न्यायालय के मंगलवार के आदेश का है. एजेंडा में बाबरी मस्जिद के मामले की सुनवायी का मामला भी शामिल है. बहरहाल, कुल मिलाकर इस बैठक में तीन तलाक को लेकर अदालत के फैसले पर बोर्ड का अगला कदम तय किया जाएगा.
* ‘तीन तलाक पर सरकार के साथ टकराव के पक्ष में नहीं पर्सनल लॉ बोर्ड
उच्चतम न्यायालय की ओर से मुस्लिम समाज में एक साथ तीन तलाक की प्रथा को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक ‘ करार दिए जाने के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सतर्कतापूर्ण रुख अपनाते हुए अपने पत्ते नहीं खोले. बोर्ड सरकार के साथ किसी तरह के टकराव और राजनीतिक बहस में पड़ने के पक्ष में नहीं है.
* तलाक पर कानून बनाने में सरकार का सहयोग करे पर्सनल लॉ बोर्ड: अल्पसंख्यक आयोग
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने एक बार में तीन तलाक की प्रथा को ‘असंवैधानिक ‘ करार दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कानून बनाने में सरकार का सहयोग करना चाहिए.
आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरल हसन रिजवी ने कहा, यह एक ऐतिहासिक फैसला है. इससे मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिला है. उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय ने कानून बनाने के लिए कहा है. अब पर्सनल लॉ बोर्ड को कानून में बनाने में सरकार का सहयोग करना चाहिए
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा अमान्य, अवैध और असंवैधानिक है. शीर्ष अदालत ने 3:2 के मत से सुनाए गए फैसले में तीन तलाक को कुरान के मूल तत्व के खिलाफ बताया.

Next Article

Exit mobile version