नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को एक महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने से इनकार कर दिया. महिला पर आरोप है कि उसने कमरे में आग लगा दी थी जिसके कारण उसका पति झुलस गया. अदालत ने कहा कि किसी खास जांच की कोई जरूरत नहीं है.अदालत […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को एक महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने से इनकार कर दिया. महिला पर आरोप है कि उसने कमरे में आग लगा दी थी जिसके कारण उसका पति झुलस गया. अदालत ने कहा कि किसी खास जांच की कोई जरूरत नहीं है.अदालत ने कहा कि इस मामले में सबूत संबद्ध पक्षों के पास हैं, ऐसे में प्राथमिकी दर्ज कर नये सबूत जुटाने के लिए किसी विशेष जांच की जरूरत नहीं है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश कुमार शर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय की राय को ध्यान में लेते हुए कहा कि ऐसे मामलों में अदालत को किसी मशीन की तरह प्राथमिकी दर्ज करने का बार-बार निर्देश जारी करने से बचना चाहिए.न्यायाधीश ने कहा, ‘ ‘ दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस बाबत व्यवस्थित तरीके से एक कानून बना रखा है. वह यह कि संज्ञेय अपराध के मामले में संबद्ध पक्षों के पास पूरे सबूत हों और किसी सबूत को जुटाने के लिए यदि किसी विशेष जांच की जरुरत नहीं है तो अदालत को किसी मशीन की तरह प्राथमिकी दर्ज करने के बार-बार निर्देश जारी करने से बचना चाहिए. ‘ ‘
सत्र अदालत का यह आदेश एक व्यक्ति की उस याचिका पर आया है जो उसने अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की थी. मेजिस्टरी अदालत ने उसकी पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया था. आरोप है कि उसकी पत्नी ने उनके कमरे में आग लगा दी थी जिससे व्यक्ति झुलस गया था. अदालत ने मेजिस्टरी अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि पूरे सबूत व्यक्ति के अधिकार में हैं.