‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : दो तरह के नोटों की छपाई का आरोप लगा रहे कांग्रेस सदस्यों के राज्यसभा में हंगामे के कारण मंगलवारको सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के पहले बार-बार बाधित हुयी और पांच बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. कांग्रेस सदस्यों का आरोप था कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है. कांग्रेस के सदस्यों ने बार-बार आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष अक्सर बिना नोटिस दिये महत्वहीन मुद्दे उठाता रहता है. जेटली ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत कोई कागज लहरा कर व्यवस्था का प्रश्न उठाया जाये. उन्होंने कहा कि यह शून्यकाल का दुरुपयोग हो रहा है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने पहले राज्यसभा चुनाव में नोटा का मुद्दा उठाया था, लेकिन बाद में पता लगा कि यह प्रावधान उनके ही शासनकाल में बनाया गया था.
इससे पूर्व कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने शून्यकाल के शुररू होने पर दो प्रकार के नोटों की छपाई का मुद्दा उठाया. उन्होंने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि दो प्रकार के नये नोट छापे जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक प्रकार का नोट सत्तारुढ़ दल के लिए है, वहीं दूसरा अन्य लोगों के लिए है. सिब्बल ने कहा कि हमें आज पता लगा कि सरकार ने क्यों नोटबंदी की थी. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के प्रतिवाद के बीच उन्होंने कहा कि दो प्रकार के नोट छापे जा रहे हैं और इस सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है. उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि अगर दो प्रकार के भी नोट हैं तो भी इस मुद्दे को व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठाया जा सकता.
कांग्रेस सदस्यों को तृणमूल तथा जदयू के शरद यादव का समर्थन मिला. कई सदस्यों ने सदन में 500 रुपये के नए नोट भी दिखाये. तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है. शरद यादव ने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि दो प्रकार के नोट कैसे छपे. कुरियन ने कहा कि वह कोई विशेषज्ञ नहीं हैं जो नोटों की जांच कर सकें. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह करेंसी की विश्वसनीयता का सवाल है.
कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे इसे व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठा सकते और अगर वे चर्चा चाहते हैं तो उन्हें उचित नोटिस देना चाहिए. सदन में हंगामा जारी रहने के कारण कुरियन ने बैठक करीब 11 बजकर 30 मिनट पर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में इस मुद्दे को लेकर हंगामा जारी रहा. सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कानून मंत्री प्रसाद ने कहा कि सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार है.
कुरियन ने सदस्यों से शांत होने और सदन में शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों पर अपील का कोई असर नहीं हुआ और उपसभापति ने 11 बजकर करीब 50 मिनट पर बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. प्रश्नकाल में भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति हामिद अंसारी ने बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. बैठक फिर शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने बैठक दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर एक बजे बैठक शुरू होने पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने 25 जुलाई 2017 को राज्यसभा में दिये गये एक अतारांकित प्रश्न के दिये गये उत्तर के संशोधनार्थ एक विवरण सदन के पटल पर रखा. इसके बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.