येचुरी से धक्का-मुक्की की कोशिश में दो गिरफ्तार, वाम दल का आरएसएस पर आरोप

नयी दिल्ली : माकपा के मुख्यालय में यहां कथित तौर पर घुसने और पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी के साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश में बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा वाम दल ने इस प्रकरण के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. माकपा ने कहा कि वह ‘संघ की गुंडागर्दी’ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2017 7:48 PM

नयी दिल्ली : माकपा के मुख्यालय में यहां कथित तौर पर घुसने और पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी के साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश में बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा वाम दल ने इस प्रकरण के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. माकपा ने कहा कि वह ‘संघ की गुंडागर्दी’ के आगे नहीं झुकेगी, जिसका मकसद वाम पार्टी को चुप कराना है और वह ‘भारत की आत्मा’ के लिए यह लड़ाई जीत जायेगी.

यह घटना तब हुई, जब येचुरी मीडिया से बात करने के लिए कार्यालय की पहली मंजिल पर सेंट्रल कमिटी मीटिंग हॉल में प्रवेश करनेवाले थे. उन्हें माकपा की पोलित ब्यूरो की दो दिवसीय बैठक के समापन के बारे में प्रेस को संबोधित करना था.

‘माकपा मुर्दाबाद’ और ‘हिंदू सेना जिंदाबाद’ के नारे लगानेवाले दोनों व्यक्तियों की पहचान अभी नहीं की जा सकी है. बहरहाल, वाम दल ने आरोप लगाया कि दोनों व्यक्ति आरएसएस के एक संगठन के प्रति निष्ठा रखते हैं और वे संवाददाता सम्मेलन में खलल डालने की कोशिश से अपने आप को ‘पत्रकार बताकर’ कार्यालय में घुसे. बाद में संवाददाता सम्मेलन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हुआ.

मौके पर मौजूद पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘उन्होंने कॉमरेड येचुरी से धक्का-मुक्की करने की भी कोशिश की, लेकिन हम उनके रास्ते में आ गये और कॉमरेड सुरक्षित हैं.” पुलिस को सौंपने से पहले माकपा कार्यकर्ताओं ने दोनों व्यक्तियों की पिटाई की.

घटना के बारे में येचुरी ने कहा, ‘‘अगर ये दोनों व्यक्ति मुझ तक पहुंच जाते, तो इन्हें माकूल जवाब मिल जाता.” उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘बिना हिंसा, बिना आतंक के आरएसएस कभी भी अपना राजनीतिक प्रभाव नहीं बढ़ा पायी. भारत के लोगों ने पहले भी इन हथकंडों का जवाब दिया है और हम दोबारा इसका जवाब देंगे.”

वामपंथी नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमें चुप कराने की संघ की गुंडागर्दी की किसी तरह की कोशिशों के आगे हम झुकेंगे नहीं. यह भारत की आत्मा की लड़ाई है, जो हम जीतेंगे.” बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन की मौजूदगी के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया था.

विजयन पशु वध से संबंधित केंद्र की हालिया अधिसूचना की आलोचना को लेकर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के निशाने पर हैं. दक्षिणी राज्य केरल में माकपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक हिंसा की कई घटनाएं देखी जाती रही है.

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