VIDEO : कवि विद्यापति की प्रसिद्ध रचना ””जय जय भैरवि..”” पर जब बजाया गया बेजोड़ बैंड
रांची : कवि विद्यापति की प्रसिद्ध रचना "जय जय भैरवि…" पर स्थानीय कलाकारों का बैंड बजाने का वीडियो काफी वायरल हा रहा है. कई लोगों की प्रतिक्रिया है कि आज से पहले कभी किसी स्थानीय बैंड को इस रचना पर इतने अच्छे से बजाते नहीं सुना. महाकवि विद्यापति की एक से बढ़कर एक रचनाएं हैं, […]
रांची : कवि विद्यापति की प्रसिद्ध रचना "जय जय भैरवि…" पर स्थानीय कलाकारों का बैंड बजाने का वीडियो काफी वायरल हा रहा है. कई लोगों की प्रतिक्रिया है कि आज से पहले कभी किसी स्थानीय बैंड को इस रचना पर इतने अच्छे से बजाते नहीं सुना.
महाकवि विद्यापति की एक से बढ़कर एक रचनाएं हैं, जिसमें मैथिली की रचना ”जय जय भैरवि…” काफी प्रसिद्ध है.
पूरी रचना इस प्रकार है …
जय-जय भैरवि असुर भयाउनि।
पशुपति भामिनी माया।
सहज सुमति कर दियउ गोसाउनि।
अनुगति गति तुअ पाया।
वासर रैनि सबासन शोभित।
चरण चन्द्रमणि चूड़ा।
कतओक दैत्य मारि मुख मेलल।
कतओ उगिलि कएल कूड़ा।
सामर बरन नयन अनुरंजित।
जलद जोग फुलकोका।
कट-कट विकट ओठ पुट पांडरि।
लिधुर फेन उठ फोंका।
घन-घन-घनय घुंघरू कत बाजय।
हन-हन कर तुअ काता।
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक।
पुत्र बिसरू जनि माता।