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ननिहाल से निकल आसनसोल में भटकी, रांची से पति को बुला कर सौंपा

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बर्नपुर. बुधवार को हीरापुर थाने की पुलिस ने रांची की रहनेवाली गुमशुदा गुंजन मिश्रा (32) को उसके पति कुमार गौरव मिश्रा को सौंप दिया. बताया गया कि विगत 13 मार्च को हीरापुर थाना पुलिस ने गुंजन मिश्रा को कोर्ट मोड़ इलाके से बेहोशी की हालत में थाने ले आयी थी. महिला ने पुलिस को बताया कि वह तीन दिनों से भूखी थी. पुलिस ने उसे भोजन कराया, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से महिला अपने बारे में पुलिस को ज्यादा जानकारी नहीं दे पायी. उसका स्वास्थ्य भी काफी बिगड़ गया था. इसलिए पुलिस ने उसे बीसी कॉलेज के पास चैरिटेबल मिशनरी में भर्ती कराया. वहां एक माह तक महिला का इलाज चला. उस दौरान बीच-बीच में पुलिस उसका हाल लेती रही. सेहत में सुधार होने पर उसने अपने घरवालों के बारे में पुलिस को बताया. फिर हीरापुर थाने की पुलिस ने उसके परिजनों से संपर्क कर गुंजन को ले जाने के लिए बर्नपुर बुलाया. पर पति उसे मनोरोगी बता कर आने में आनाकानी कर रहा था. पुलिस ने जब सख्ती की, तो वह बर्नपुर आया और जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी पत्नी को ले गया. सनद रहे कि उसके पति गौरव मिश्रा रांची में रह कर पुजारी का कार्य करते हैं. कुछ माह पहले उसने एक मृत शिशु को जना था. तब से उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गयी थी. पति ने उसे औरंगाबाद नानी के घर पहुंचा दिया था. नानी के घर में परिजनों के तानों से तंग आकर गुंजन वहां से भाग निकली. उसने रांची अपने पति के पास जाने को ट्रेन पकड़ी था. पर गलती से वह आसनसोल स्टेशन पर उतर गयी. वहां अपने पति गौरव को खोजने लगी. दो दिनों तक आसनसोल में भटकने के बाद वह कोर्ट मोड़ के पास पहुंची और बेहोश होकर गिर पड़ी. स्थानीय लोगों ने पुलिस को महिला के बारे में सूचना दी.

बर्नपुर. बुधवार को हीरापुर थाने की पुलिस ने रांची की रहनेवाली गुमशुदा गुंजन मिश्रा (32) को उसके पति कुमार गौरव मिश्रा को सौंप दिया. बताया गया कि विगत 13 मार्च को हीरापुर थाना पुलिस ने गुंजन मिश्रा को कोर्ट मोड़ इलाके से बेहोशी की हालत में थाने ले आयी थी. महिला ने पुलिस को बताया कि वह तीन दिनों से भूखी थी. पुलिस ने उसे भोजन कराया, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से महिला अपने बारे में पुलिस को ज्यादा जानकारी नहीं दे पायी. उसका स्वास्थ्य भी काफी बिगड़ गया था. इसलिए पुलिस ने उसे बीसी कॉलेज के पास चैरिटेबल मिशनरी में भर्ती कराया. वहां एक माह तक महिला का इलाज चला. उस दौरान बीच-बीच में पुलिस उसका हाल लेती रही. सेहत में सुधार होने पर उसने अपने घरवालों के बारे में पुलिस को बताया. फिर हीरापुर थाने की पुलिस ने उसके परिजनों से संपर्क कर गुंजन को ले जाने के लिए बर्नपुर बुलाया. पर पति उसे मनोरोगी बता कर आने में आनाकानी कर रहा था. पुलिस ने जब सख्ती की, तो वह बर्नपुर आया और जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी पत्नी को ले गया. सनद रहे कि उसके पति गौरव मिश्रा रांची में रह कर पुजारी का कार्य करते हैं. कुछ माह पहले उसने एक मृत शिशु को जना था. तब से उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गयी थी. पति ने उसे औरंगाबाद नानी के घर पहुंचा दिया था. नानी के घर में परिजनों के तानों से तंग आकर गुंजन वहां से भाग निकली. उसने रांची अपने पति के पास जाने को ट्रेन पकड़ी था. पर गलती से वह आसनसोल स्टेशन पर उतर गयी. वहां अपने पति गौरव को खोजने लगी. दो दिनों तक आसनसोल में भटकने के बाद वह कोर्ट मोड़ के पास पहुंची और बेहोश होकर गिर पड़ी. स्थानीय लोगों ने पुलिस को महिला के बारे में सूचना दी.

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