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बच्चों के ‘हेल्थी टीथ’ से जुड़े मिथक

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हम सभी अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा चिंतित रहतें हैं. लेकिन उनके शरीर के सबसे जरुरी अंग यानी दांतों पर ध्यान देना भूल जाते हैं. हालिया किये गए एक शोध में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. आमतौर पर बच्चों को एक या दो बार ब्रश करा कर पेरेंट्स अपनी देखभाल को पूर्ण […]

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हम सभी अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा चिंतित रहतें हैं. लेकिन उनके शरीर के सबसे जरुरी अंग यानी दांतों पर ध्यान देना भूल जाते हैं. हालिया किये गए एक शोध में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. आमतौर पर बच्चों को एक या दो बार ब्रश करा कर पेरेंट्स अपनी देखभाल को पूर्ण मानते हैं. लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं हैं.

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इस चौकाने वाले तथ्य में यह बात सामने आई है कि हर तीसरे स्कूल जाने वाले बच्चे के दांतों में क्षय रोग, सड़न वाले रोग पैदा हो जाते हैं. दांतों में सड़न के चलते बच्चों को हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ रहा है.

हेल्थ एंड सोशल केयर इनफार्मेशन सेंटर की हालिया रिपोट के अनुसार, पिछले साल 25,812 बच्चे जो 5 से 9 वर्ष की आयु के बीच है थे उन्हें दांतों के इन्फेक्शन के चलते हॉस्पिटल्स में एडमिट करना पड़ा था. जिनमें हर हफ्ते कम-से-कम 500 बच्चे एडमिट किये जाते थे.


30 साल से पहले ओरल हेल्थ को सुधार लेना जरुरी है. विशेषज्ञों का कहना है, कई ऐसे मामले हैं जिनमें दांतों के स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लिया गया. अधिकतर खाने-पीने से जुड़ें हैं. इसके लिए यह जानना जरुरी है कि सही क्या है और गलत क्या है. लोगों में दांतों की देखभाल से सम्बंधित कई मिथक सामने आए हैं

आइए जाने इनका सच क्या है.

1- फ्रूट जूस हेल्थी होते हैं!
यह सुनने में अच्छा लगता है लेकिन जूस दांतों के लिए हानिकारक होते हैं. इन जूसों में शुगर और एसिड की मात्रा पाई जाती है खास कर पैकेट बंद जूस में. इनमें मौजूद शुगर दांतों में सड़न फैलती है. अगर इन जूस को अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह बच्चों के दांतों को अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं.
डॉक्टर्स कहते हैं कि, हर 4 से 18 साल तक के बच्चों के दांतों में इन ड्रिंक्स की वजह से परेशानियाँ आती हैं इन ड्रिंक्स से अच्छा है कि दूध और पानी का ही सेवन किया जाए.

ब्रिटिश डेंटल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार बच्चे यदि जूस मांगे भी तो इस बात का खास ख्याल रखें कि वह तुरंत जूस पी कर अपना जूस ग्लास अलग रख दें. ये न हो की बच्चे लगातार एक-एक घूंट लेते हुए जूस पिए. ऐसा करने से उनके दांतों को नुकसान हो सकता है.


2- चॉकलेट से बेहतर हैं सूखे मेवे
आमतौर सभी पेरेंट्स की मानना है कि सूखे मेवे किसी भी मिठाई और चॉकलेट से बेहतर होते हैं. लेकिन ये सही नहीं है. डेंटिस्ट कहते हैं कि सूखे मेवे दांतों के बीच यानी रूट में जा कर फंस जाते हैं जो अक्सर ब्रश करने पर भी आसानी से नहीं निकलते. इससे कहीं बेहतर चॉकलेट है क्योंकि चॉकलेट खाने के तुरंत बाद ब्रश करने से दांतों से चॉकलेट आसानी से निकल जाता है. चॉकलेट डेंटली सेफ है.

3- दूध के दांतों में सड़न से कुछ नही होता!
दूध के दांतों में कोई सड़न नहीं होती ऐसा अक्सर सुनने को मिलता है लेकिन ये पूरी तरह से गलत है. दरअसल दूध के दांतों में सड़न लगने के बाद यदि वह टूट भी जाते हैं तब भी उनके स्थान पर आने वाले किशोर अवस्था वाले दांतों में सड़न और दांतों की बिमारियों की समस्या ज्यादा होता है.
अगर बच्चे के दूध के दांतों में सड़न मौजूद है और वो नये दांतों के आने पर गिर गए हैं तब भी उनके मसूड़ों में और उनके रूट में सड़न वाले कीटाणु मौजूद रहेंगे जो उनके नये दांतों को सड़ा देंगे.

4-जरुरी है छोटे बच्चों को ब्रश कराना
बच्चों के दांत निकालने के बाद से ही बच्चों को ब्रश कराना शुरू कर देना चाहिए. कम-से-कम 2 मिनट तक किये गए ब्रश से दांतों की समस्याओं से बचा जा सकता है.


5- जूस से बेहतर हैं फल
बच्चों को जूस की जगह फल खिलाएं. फल न केवल कुदरती पोषण से भरपूर होते हैं बल्कि फाइबर, पानी और ग्लूकोज की मात्रा से पूर्ण होने के कारण दांतों को मजबूत बनाते हैं. लेकिन बच्चे इतनी आसानी से फल और जरुरी सब्जियां नहीं खाते. इसके लिए उन्हें दिन में पांच बार थोड़े-थोड़े हिस्से में फल के टुकड़े खिलाएं. ये उनके दांतों और सेहत दोनों के लिए ठीक रहेगा.


6-इलेक्ट्रिक ब्रश हैं ज्यादा बेहतर
बच्चों को 2 मिनट ब्रश कराने के लिए पेरेंट्स को कई दिक्कातों को सामना करना पड़ता है. अक्सर बच्चे न-नुकुर करते हैं, तो कुछ पेस्ट खा जाते हैं या ब्रश ही फ़ेंक देते हैं. इन सब से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है इलेक्ट्रिक ब्रश.
इलेक्ट्रिक ब्रश बच्चों को मनोरंजक लग सकता है जिससे बच्चे खेल-खेल में ही ब्रश कर लिया करेंगे और चूंकि 2 मिनट जरुरी हैं उसके लिए यह ब्रश खास तौर से मुंह के सभी कोनो को ध्यान में रखते हुए दांतों की अच्छी सफाई करते हैं.

7-खाने के बाद जरुरी है ब्रश
हर बार खाना-खाने के बाद बच्चों को ब्रश करना उबाता जरुर है पर यह दांतों की सुरक्षा के लिए जरुरी है. लेकिन बच्चे यदि इस बात पर चिढ़ने लगें तो उन्हें अच्छे से कुल्ला करने को बोलें. ध्यान रखें कि रात को सोने से पहले बच्चों को एक बार ब्रश जरुर कराएं. भले ही दिन भर वो कुछ भी खा कर कुल्ला करते रहें लेकिन रात के वक़्त सोने से पहले 2 मिनट तक अच्छे से ब्रश जरुर कराएं.


8- खाने की जगह स्नैक्स सही नहीं
दिन भर खेलते रहने वाले बच्चे खाने के समय भूख न होने का अक्सर बहाना करते हैं. लेकिन स्नैक्स के नाम पर भूख-भूख चिल्लाते हैं. पेरेंट्स अगर ये सोचें कि बच्चों का स्नैक्स खाना, खाना खाने की जगह सही है तो यह गलत है.
स्नैक्स भोजन की जगह कभी नहीं ले सकते बल्कि इनका भोजन की जगह लेना दांतों और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है.

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