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धूम्रपान की आदत से परेशान हैं तो ध्यान लगाएं

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मैडिटेशन यानी ध्यान लगाना,मैडिटेशन धूम्रपान का रामबाण इलाज है. मैडिटेशन धूम्रपान की तलब को कम करने में मदद करेगा. जिससे आप धीरे-धीरे धूम्रपान को अलविदा कह देंगे.

हालिया अध्ययनों से पता लगाया गया है कि धूम्रपान करने वालों में दिमागी रूप से आत्म-नियंत्रण जैसी गतिविधियां कम पायी जाती हैं. जिस कारण यह जरुरी हो जाता है कि व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण को बढ़ाया जाए. मैडिटेशन बिना किसी एहसास और तकलीफ के ध्यान द्वारा आत्म-नियंत्रण को बढ़ाता है जिससे धूम्रपान से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.

नशीले पदार्थों के सेवन पर अमेरिका के राष्ट्रीय संस्थान की डायरेक्टर नोरा वोल्कोव कहतीं हैं, ‘हम लगातार इस बात का अध्ययन कर रहें है कि कैसे नशीली चीजों का प्रयोग हमारी इच्छाओं को नियंत्रित करने कर हमारी क्षमता को प्रभावित करता है. हम जांच रहें है कि किस तरह मष्तिष्क के भागों को नशीली चीज़े प्रभावित करतीं हैं, कैसे व्यक्ति के व्यवहार को बदल देती है, कैसे उसके मस्तिष्क पर हावी हो कर उनके निर्णय लेने की क्षमता को बदल देती है.

जर्नल ट्रेंड्स इन कोगनिटिव साइंस में छपे एक अध्ययननुसार- आत्म-नियंत्रण धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान की इच्छा पर काबू करने में मदद करता है और आत्म-नियंत्रण के लिए मैडिटेशन सबसे बेहतर विकल्प है. मैडिटेशन धूम्रपान कम करने वालों और पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ने वालों की सहायता करता है. इसकी जाँच के लिए 60 अंडरग्रेजुएट्स छात्रों को लिया गया जिनमें 27 धुम्रपान वाले और 33 धुम्रपान नहीं करने वाले लोग शामिल किये गये.

इनमें से कुछ को मैडिटेशन कराया गया और कुछ को अन्य तनाव रहित क्रियाएं करायी गईं. दो हफ्तों बाद और 5 घंटे, 30 मिनट सेशन के बाद सभी 60 लोगों को प्रश्नावली भरने को दी गयी, जिसके परिणाम चौकाने वाले थे.

रिपोर्ट में बताया गया कि जो छात्र दिन भर में 20 सिगरेट लिया करतें थे उन्होंने मैडिटेशन और अन्य तनाव रहित क्रियाओं के बाद अपनी इच्छा शक्ति पर नियंत्रण पाया है और 20 सिगरेट की जगह 10 ही सिगरेट का प्रयोग किया है.

मैडिटेशन यानी ध्यान लगाना,मैडिटेशन धूम्रपान का रामबाण इलाज है. मैडिटेशन धूम्रपान की तलब को कम करने में मदद करेगा. जिससे आप धीरे-धीरे धूम्रपान को अलविदा कह देंगे.

हालिया अध्ययनों से पता लगाया गया है कि धूम्रपान करने वालों में दिमागी रूप से आत्म-नियंत्रण जैसी गतिविधियां कम पायी जाती हैं. जिस कारण यह जरुरी हो जाता है कि व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण को बढ़ाया जाए. मैडिटेशन बिना किसी एहसास और तकलीफ के ध्यान द्वारा आत्म-नियंत्रण को बढ़ाता है जिससे धूम्रपान से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.

नशीले पदार्थों के सेवन पर अमेरिका के राष्ट्रीय संस्थान की डायरेक्टर नोरा वोल्कोव कहतीं हैं, ‘हम लगातार इस बात का अध्ययन कर रहें है कि कैसे नशीली चीजों का प्रयोग हमारी इच्छाओं को नियंत्रित करने कर हमारी क्षमता को प्रभावित करता है. हम जांच रहें है कि किस तरह मष्तिष्क के भागों को नशीली चीज़े प्रभावित करतीं हैं, कैसे व्यक्ति के व्यवहार को बदल देती है, कैसे उसके मस्तिष्क पर हावी हो कर उनके निर्णय लेने की क्षमता को बदल देती है.

जर्नल ट्रेंड्स इन कोगनिटिव साइंस में छपे एक अध्ययननुसार- आत्म-नियंत्रण धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान की इच्छा पर काबू करने में मदद करता है और आत्म-नियंत्रण के लिए मैडिटेशन सबसे बेहतर विकल्प है. मैडिटेशन धूम्रपान कम करने वालों और पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ने वालों की सहायता करता है. इसकी जाँच के लिए 60 अंडरग्रेजुएट्स छात्रों को लिया गया जिनमें 27 धुम्रपान वाले और 33 धुम्रपान नहीं करने वाले लोग शामिल किये गये.

इनमें से कुछ को मैडिटेशन कराया गया और कुछ को अन्य तनाव रहित क्रियाएं करायी गईं. दो हफ्तों बाद और 5 घंटे, 30 मिनट सेशन के बाद सभी 60 लोगों को प्रश्नावली भरने को दी गयी, जिसके परिणाम चौकाने वाले थे.

रिपोर्ट में बताया गया कि जो छात्र दिन भर में 20 सिगरेट लिया करतें थे उन्होंने मैडिटेशन और अन्य तनाव रहित क्रियाओं के बाद अपनी इच्छा शक्ति पर नियंत्रण पाया है और 20 सिगरेट की जगह 10 ही सिगरेट का प्रयोग किया है.

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