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सेब रोकेगा आपकी बढ़ती उम्र : रिसर्च

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एक नये रिसर्च में पाया गया है कि रोजाना एक सेब खाने से बढ़ती उम्र को रोका जा सकता है. सेब के छिलके में एक विशेष तरह का केमिकल पाया जाता है जो मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है.

इवोआ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि सेब के छिलके में एक ऐसा केमिकल पाया जाता है जो उम्रदराज लोगों की मांसपेशियों को दो महीने के उपचार के बाद युवा मांसपेशियों में बदल देता है.

अध्ययन के मुताबिक, सेब और हरे टमाटर, दोनों में ऐसा केमिकल पाया जाता है जो पुरानी मांसपेशियों की मरम्मत कर सकता है. इस अध्ययन से जुड़े प्रो. क्रिस्टोफर एडम्स ने कहा, सेब के छिलके में पाया जाने वाला अरसोलिक एसिड और हरे टमाटर में पाया जाने वाला औमैटीडिन बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने में सक्षम हैं.

इस खोज से वैज्ञानिकों का उम्मीद है कि इस खोज से ऐसी थेरेपी संभव हो सकती है जो बुजुर्गों और उम्रदराज लोगों को फिट रखने और लंबे समय तक एक्टिव रखने में मदद करेगी.

बढ़ती उम्र में एटीएफ4 नाम प्रोटीन के कारण मांसपेशियां बेकार होने लगती हैं क्योंकि यह प्रोटीन जीन के फार्मेंशन को परिवर्तित कर देता है जिससे पेशियां कमजोर हो जाती हैं और उनकी शक्ति कम होने लगती है. लेकिन दो ऐसे प्राकृतिक पदार्थ हैं जो एटीएफ4 के प्रभाव को कम कर सकते हैं. वैज्ञानिकों ने चूहों पर इन तत्वों का प्रयोग किया, जिसमें उम्र बढ़ने और कमजोरी से संबंधित पेशियों में काफी सुधार देखा गया.

एक नये रिसर्च में पाया गया है कि रोजाना एक सेब खाने से बढ़ती उम्र को रोका जा सकता है. सेब के छिलके में एक विशेष तरह का केमिकल पाया जाता है जो मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है.

इवोआ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि सेब के छिलके में एक ऐसा केमिकल पाया जाता है जो उम्रदराज लोगों की मांसपेशियों को दो महीने के उपचार के बाद युवा मांसपेशियों में बदल देता है.

अध्ययन के मुताबिक, सेब और हरे टमाटर, दोनों में ऐसा केमिकल पाया जाता है जो पुरानी मांसपेशियों की मरम्मत कर सकता है. इस अध्ययन से जुड़े प्रो. क्रिस्टोफर एडम्स ने कहा, सेब के छिलके में पाया जाने वाला अरसोलिक एसिड और हरे टमाटर में पाया जाने वाला औमैटीडिन बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने में सक्षम हैं.

इस खोज से वैज्ञानिकों का उम्मीद है कि इस खोज से ऐसी थेरेपी संभव हो सकती है जो बुजुर्गों और उम्रदराज लोगों को फिट रखने और लंबे समय तक एक्टिव रखने में मदद करेगी.

बढ़ती उम्र में एटीएफ4 नाम प्रोटीन के कारण मांसपेशियां बेकार होने लगती हैं क्योंकि यह प्रोटीन जीन के फार्मेंशन को परिवर्तित कर देता है जिससे पेशियां कमजोर हो जाती हैं और उनकी शक्ति कम होने लगती है. लेकिन दो ऐसे प्राकृतिक पदार्थ हैं जो एटीएफ4 के प्रभाव को कम कर सकते हैं. वैज्ञानिकों ने चूहों पर इन तत्वों का प्रयोग किया, जिसमें उम्र बढ़ने और कमजोरी से संबंधित पेशियों में काफी सुधार देखा गया.

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