टीबी रोगी के लिए क्या हो आहार
टीबी रोग विशेषज्ञ, टीएन जायसवाल हॉस्पिटल कोलकाता मेरी उम्र 40 वर्ष है. सुना है कि टीबी की दवा एक खुराक भी मिस करने पर काम नहीं करती है. क्या सच है? देवेंद्र राय वर्मा साहेबगंज : टीबी गंभीर रोग है. इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है जब इसका समुचित और नियमित इलाज हो. एक […]
टीबी रोग विशेषज्ञ, टीएन जायसवाल हॉस्पिटल कोलकाता
मेरी उम्र 40 वर्ष है. सुना है कि टीबी की दवा एक खुराक भी मिस करने पर काम नहीं करती है. क्या सच है?
देवेंद्र राय वर्मा
साहेबगंज : टीबी गंभीर रोग है. इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है जब इसका समुचित और नियमित इलाज हो. एक बार इलाज प्रारंभ होने पर रोगी को पूरा कोर्स करना चाहिए. यदि रोगी इलाज बीच में ही छोड़ देता है तो उसे और गंभीर टीबी हो सकता है. यदि आपने किसी खुराक को छोड़ दिया है, तो बिना देर किये डॉक्टर के पास जाएं और उसे सारी बात बताएं. डॉक्टर के कहे अनुसार फिर से इलाज प्रारंभ करें.
मेरे 53 वर्षीय अंकल को टीबी है. उनका आहार कैसा होना चाहिए?
रत्नेश उपाध्याय, झरिया
टीबी रोगी को अपने खान-पान में विटामिन, मिरल्स, कैल्शियम, प्रोटीन और रेशे से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए. आहार के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी रोग के लिए नि:शुल्क दवाएं दी जाती हैं.
मेरी बहन को कुछ समय से बुखार के साथ खांसी भी है. उसकी उम्र 22 वर्ष है.
शहजाद बख्श, भागलपुर
आपने खांसी का तो जिक्र किया है, लेकिन वह कब से है, इसका उल्लेख नहीं किया है. यदि आप की बहन को लगातार दो हफ्ते से खांसी व बुखार है, तो तुरंत, बलगम की जांच कराएं. इसके साथ यह भी ध्यान दें कि भूख सहीं समय पर लग रही है कि नहीं. यदि भूख नहीं लग रही और स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट हो रही है, तो बिना किसी देरी किये आप उसे डॉक्टर के पास ले जाएं. रोगी का रक्त परीक्षण भी कराना पड़ सकता है.
टीबी जैसे संक्रामक रोग से बचने का क्या उपाय है?
प्रमोद शर्मा, दानापुर
किसी भी रोग सेबचने के लिए जागरूकता सबसे जरूरी है. व्यक्ति के रोग ग्रस्त नहीं होने पर भी जागरूकता जरूरी है. टीबी से बचने के लिए फेफड़ों को स्वस्थ रखें और पर्याप्त मात्र में ताजी हवा का सेवन करें. हाथों को हमेशा साफ रखें, खांसते समय मुंह पर रूमाल जरूर रखें. डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें. फेफड़ों में क्षयरोग के लक्षणों का पता लगाने के लिए छाती का एक्स-रे कराएं. हर वर्ष क्षय रोग की जांच करानी चाहिए.