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आपको शायद मालुम ना हो लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी योग के मुरीद हैं. मोदी अपने दिन की शुरुआत योगाशन के साथ ही करते हैं. इसका प्रमाण संयुक्‍त राष्‍ट्र के उनके संबोधन में भी देखने को मिला. प्रधानमंत्री ने अपने 33 मिनट के संबोधन में योग के महत्‍व की चर्चा की. उन्‍होंने अपने जीवन में योग की महत्‍ता के बारे में बताते हुए पूरे विश्‍व के लोगों से योग करने की अपील भी की. मोदी ने 193 सदस्‍यों की जेनेरल एसेंबली में योग के प्रचार प्रसार पर बल दिया. 69वें संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के सम्‍मेलन में उन्‍होंने विश्‍व के प्रमुख राजनेताओं के समक्ष ‘अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस’ मनाने की बात कही.

भारत में योग करने की परंपरा पुराने जमाने से चली आ रही है. यहां के ऋषि मुनियों ने शुरु से ही योग के महत्‍व के बारे में बताया है. मन तथा आत्‍मा की शांति के लिए ध्‍यान, योग और प्रणायाम का आम जीवन में बहुत महत्‍व है. भारत में5000 सालों से योग किया जा रहा है. इसमें प्रणायाम, ध्‍यान और कुछ शारीरिक कसरतें भी शामिल है जो शरीर के साथ मन और आत्‍मा को शांत करता है. योग पूरे शरीर में रक्‍त संचार को बढाकर जीवनशैली को सुगम बनाता है. चेहरे में तेज और लंबी रोगमुक्‍त आयु पाने के लिए योग का बहुत महत्‍व है. योग के इसी चमत्‍कारिक महत्‍व के बारे में प्रधानमंत्री ने संयुक्‍त राष्‍ट्र की जेनरल एसेंबली में बातें बतायी. प्रधानमंत्री ने पूरे विश्‍व में योग के प्रचार-प्रसार का पूरा श्रेय भारत की हजारों वर्ष पुरानी परंपरा को दिया. जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिनचर्या में योगाशन का महत्‍व:
मोदी की दिनचर्या योग से शुरु
नरेंद्र मोदी ने 69 वें संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ में योग के महत्‍व के बारे में काफी बल दिया. स्‍वयं मोदी भी इससे बहुत हद तक प्रभावित है. नवरात्री के उपवास के दौरान प्रधानमंत्री का संयुक्‍त राष्‍ट्र में बिना रुके हुए भाषण देना इसी बात का परिचायक है. अपने 30मिनट के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने पानी का एक घूंट भी अपने मुंह में नहीं लिया. प्रधानमंत्री नवरात्र में नौ दिन के अपने उपवास के दौरान दुनियाभर में केवल एक फल और नींबू पानी लेते हैं. फिर भी उनके चेहरे पर थकान की कोई चिन्‍ह नहीं नजर आती है्.
क्‍या है मोदी की दिनचर्या:
-अपनी दिनचर्या में मोदी बेहद सादा जीवन बिताते हैं. उनके दिन की शुरुआत ध्‍यान योग से ही होती है.
-64 वर्षीय मोदी अपने खानपान और जीवनशैली को लेकर बहुत संतुलित जीवनयापन करते हैं.
-मोदी की सुबह की शुरुआत सुबह पांच बजे होती है. चाहे मोदी कितने भी देर से रात को सोने जाएं उनकी सुबह पांच बजे से शुरु हो जाती है.
-उसके बाद मोदी एक घंटे का समय हर रोज योग को देते है. यह मोदी की फिटनेस का वहीं राज है जिसके कारण नौ दिन के उपवास में भी इतने फिट नजर आते हैं. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी की एक ही दिन में पांच-पांच जगहों पर सभाएं उनके फिटनेस प्रेमी होने का प्रत्‍यक्ष प्रमाण है.
-उसके बाद मोदी की दिनचर्या में समाचारपत्र पढना शुमार है. कितनी भी व्‍यस्‍ततम दिनचर्या हो मोदी समाचारपत्र जरूर पढते हैं.
-प्रधानमंत्री पूरी तरह से शाकाहारी है. अपने सुबह के नाश्‍ते मे मोदी भाखरी और गुजराती तरीके से बनी खिचडी खाना पसंद करते हैं.
-अपने नवरात्र के उपवास के दौरान मोदी सुबह ही ऑफिस का रुख करते हैं और देर रात 10 बजे ऑफिस से वापस आते हैं. दिन भर के सारे कामों को निबटाने के बाद मोदी रात 11 बजे तक सोने के लिए जाते हैं. 24 घंटे की दिनचर्या में मोदी केवल 4 से 5 घंटे की नींद हर रोज लेते हैं.
विश्‍व में योग के प्रति जागरुकता
पूरे विश्‍व में योग को लेकर जागरुकता बढ गयी है. स्‍वामी विवेकानंद ने पहली बार संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका में योग का बिगुल फूंका था. अभी विदेशों में योग के महत्‍व को तवज्‍जो दी जा रही है. अमेरिका के योगा जर्नल में छपे एक रिपोर्ट के अनुसार 2008 में अमेरिका में 15.8 मिलियन लोग योगा करते थे लेकिन इसी जर्नल में छपे एक और नये अध्‍ययन में पता चला है कि अब फिलहाल 20.4 मिलियन अमेरिकी योग करते हैं. एक जानकारी के अनुसार विदेशों में योग को लेकर लगभग सैकडों बिलियन डॉलर का व्‍यापार होता है.
काफी हद तक विदेशों में योग के महत्‍व को बढाने में योग गुरु बाबा रामदेव का हाथ है. उन्‍होंने पूरे विश्‍व में घूम-घूम कर योग का प्रचार प्रसार किया है. भारत में उन्‍होंने कई तरह की जानलेवा बिमारी का उपचार योग के माध्‍यम से करके इसके प्रति लागों की जागरुकता को बढाया है.