32.1 C
Ranchi
Wednesday, March 12, 2025 | 08:02 pm
32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गर्भावस्था के दौरान खुश रहें, बनते हैं गुड हार्मोंस

Advertisement

ग‌र्भावस्था के दौरान माता जैसी सोचती है, वैसा प्रभाव शिशु पर पड़ता है. घर के आसपास का माहौल यदि खराब है, तो शिशु पर भी उसका असर पड़ेगा. माहौल में खुशी है, प्यार है तो शिशु भी हेल्दी व मानसिक रूप से मजबूत होगा. गर्भावस्था एक विशेष अनुभूति है. इस दौरान हम शरीर के लिए […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

ग‌र्भावस्था के दौरान माता जैसी सोचती है, वैसा प्रभाव शिशु पर पड़ता है. घर के आसपास का माहौल यदि खराब है, तो शिशु पर भी उसका असर पड़ेगा. माहौल में खुशी है, प्यार है तो शिशु भी हेल्दी व मानसिक रूप से मजबूत होगा. गर्भावस्था एक विशेष अनुभूति है. इस दौरान हम शरीर के लिए पौष्टिक आहार तो लेते हैं, लेकिन मानसिक शक्ति के बारे में भूल जाते हैं. यही कारण है कि फोग्सी (द फेडेरेशन ऑफ आब्स्ट्रेटिक्स एंड गाइनोक्लॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया) और प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साथ मिलकर ‘अद्भुत मातृत्व’ प्रोजेक्ट देश भर में चला रहे हैं.

उक्त बातें अद्भुत मातृत्व के राष्ट्रीय समन्वयक व मुंबई से आयी बीके डॉ शुभदा नील ने कही. वह रविवार को धनबाद के पीएमसीएच के ऑडिटोरियम में अद्भुत मातृत्व के तहत आयोजित ‘गर्भ जेल से गर्भ महल की ओर’ कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने बताया कि इस ‘अद्भुत मातृत्व’ प्रोजेक्ट की नौ महीने पहले शुरुआत की गयी थी. अब तक फोग्सी के साथ मिल कर एक सौ से अधिक प्रोग्राम किये जा चुके हैं.

मां की सोच का शिशु पर असर : डॉ नील ने बताया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों एक रिसर्च किया गया. इसमें मुंबई के साइंटिस्ट व फ्रांस के साइंटिस्ट को एक साथ अपने-अपने देश में बैठा दिया गया. दोनों को एक-दूसरे के बारे में सोचने को कहा गया. दोनों के रिजल्ट एक समान निकले. मुंबई के साइंटिस्ट ने जो सोचा, वहीं मुंबई के साइंटिस्ट ने भी सोचा. जब इतनी दूर से एक की सोच दूसरे को प्रभावित करते हैं, तो मां की सोच गर्भस्थ शिशु पर पड़ना लाजिमी है.

खुशी का प्रकाश जलाइए, नफरत का अंधकार मिट जायेगा : डॉ नील ने बताया कि अंधकार की कमी-बेसी के लिए प्रकाश की जरूरत है. कम प्रकाश किया तो अंधकार ज्यादा रहता है, ज्यादा प्रकाश किया तो अंधकार कम हो जाता है. इसी तरह से खुशी व नफरत का संबंध है. खुशी का प्रकाश बढ़ा दीजिए, इससे आपका नफरत व गुस्सा रूपी अंधकार मिट जायेगा.

सोने से पहले सबको माफ कर दें, सुबह भगवान आपको माफ कर देंगे : डॉ नील ने कहा कि उसने मुझे ऐसा कहा…मैं कभी नहीं भूलूंगी…वाले शब्द आपको मन से खुशियां खत्म करते हैं. इसलिए दिन भर जो आपके दिल को दुखाते हैं, कष्ट देते हैं, रात में बिस्तर पर आते वक्त सबको माफ कर दीजिए, सुबह होते-होते ईश्वर आपको माफ कर देंगे.

घर-बाहर के हलवे का फर्क : डॉ नील ने कहा कि घर में बना हुआ हलवा, होटल में बना हलवा और प्रसाद में बना हलवा में एक ही सामग्री मिलाने के बावजूद स्वाद अलग-अलग क्यों हो जाता है. उन्होंने कहा कि प्रसाद में बनने वाला हलवा खुशी-खुशी बनाया जाता है. कोई कहता है भी तो कहा जाता है कि आज कोई काम नहीं करना है, काम दूसरे दिन देख लेंगे. मन को शुद्ध करके प्रसाद बनाते हैं, इसलिए वह सबसे अच्छा व स्वादिस्ट होता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर