रजोनिवृत्ति के दौरान तेजी से होते हैं हार्मोन में बदलाव, जानें क्या हो सकता है खतरा

भागलपुर : रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं. ऐसे में महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम ओवरी में होने की आशंका बनी रहती है. अनियमित मासिक स्राव, चेहरे आदि पर बाल आ जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इस बीमारी को महिलाएं नजरअंदाज करती हैं. जबकि इससे मधुमेह, ब्लड प्रेशर, एंडोमैट्रियम कैंसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2018 12:15 PM

भागलपुर : रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं. ऐसे में महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम ओवरी में होने की आशंका बनी रहती है. अनियमित मासिक स्राव, चेहरे आदि पर बाल आ जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इस बीमारी को महिलाएं नजरअंदाज करती हैं. जबकि इससे मधुमेह, ब्लड प्रेशर, एंडोमैट्रियम कैंसर व हार्ट अटैक तक खतरा हो सकता है. उक्त बातें पटना से आयी डॉ अनीता सिंह ने रविवार को इंडियन मोनोपॉज सोसाइटी पूर्वी जोन कांफ्रेंस के समापन समारोह के साइंटिफिक सेशन में कहीं.

डॉ साजिया शफी ने मोनोपॉज में त्वचा के बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि मोनोपॉज में त्वचा और बाल रूखे हो जाते हैं. इसके लिए चिकित्सकों से सलाह लेकर दिन में दो बार अल्कोहल फ्री मॉइस्चराइजर एवं लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए. बालों को धोते समय कंडीशनर का इस्तेमाल करें. कोलकाता के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ विकास कपूर ने कहा कि, महिलाओं की हड्डियां उम्र के साथ कमजोर होती जाती है. कॉमन 40 वर्ष के ऊपर कैसे हड्डी को कमजोर होने से बचायें, इसका खयाल करना होगा. ऑस्टो पोरोसेस में कैल्सियम की कमी हो जाती है. चलते-चलते हड्डी टूट जाती है. कैल्सियम युक्त भोजन का सेवन करें. लाइफ स्टाइल चेंज करें.

केरल त्रिचूर की डॉ शोभना मोहन दास ने कहा कि महिलाओं को पेट में नाभी के नीचे दर्द होती है. यह जरूरी नहीं है कि गैस से दर्द होता है. बच्चेदानी में ओवरी होती है, उसकी परेशानी इंफेक्शन भी है. अधिकतर 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं ऐसा देखा गया है. कटक के डॉ अभय पटनायक ने कहा कि अधिक उम्र में बच्चे को जन्म देने पर होने वाली परेशानी से अवगत कराया. इसमें ऑपरेशन की अधिक संभावना बनती है. इसमें मधुमेह, ब्लड प्रेशर आदि बीमारी हो सकती है. इसका असर बच्चों पर भी पड़ सकता है.

डॉ. प्रियंका ने बताया कि महिलाओं में सर्विक्स कैंसर के ज्यादा मामले पाये जा रहे हैं. ऐसे में रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को पैप स्मीयर जांच जरूर करानी चाहिए. डॉ. गौरी ने इस दौरान महिलाओं में मेटाबोलिक एंड हार्मोनल बदलाव, डॉ. नजमुन ने मोनोपॉज और गर्भधारण की पहचान व लक्षण पर व्याख्यान प्रस्तुत किये.

समापन समारोह में वैज्ञानिक संगोष्ठी का उद्घाटन डॉ. अशोक कुमार भगत व डॉ. अनुपमा सिन्हा ने किया. कार्यक्रम का समन्वय डॉ अंजू तुरियार, डॉ. ज्योति ऐश्वर्या ने किया. कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव डॉ प्रतिभा सिंह ने किया. इस मौके पर डॉ संजय सिंह, डॉ सोमेन चटर्जी, डॉ एससी झा, डॉ बिहारी लाल, डॉ सोमा बंधोपाध्याय, डॉ अर्चना झा, डॉ रोमा यादव, डॉ पुष्पा सेठी, डॉ आरएन झा, डॉ अल्पना मित्रा, डॉ बिपाशा सेन आदि का योगदान रहा.

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