26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 04:27 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में मिले 12 हजार साल से पुराने रॉक आर्ट्स

Advertisement

बिहार में 12 हजार साल से ज्यादा पुराने शैलचित्र(रॉक आर्ट्स) पाये गये हैं. ये वे शैलचित्र हैं जो बिहार में निवास करने वाले आदि मानवों ने पत्थरों पर उकेरे थे. इनमें रंग भी थे और समझ के ढंग भी थे. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नयी दिल्ली ने अपने शुरुआती अध्ययन में यह बताया है […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार में 12 हजार साल से ज्यादा पुराने शैलचित्र(रॉक आर्ट्स) पाये गये हैं. ये वे शैलचित्र हैं जो बिहार में निवास करने वाले आदि मानवों ने पत्थरों पर उकेरे थे. इनमें रंग भी थे और समझ के ढंग भी थे. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नयी दिल्ली ने अपने शुरुआती अध्ययन में यह बताया है कि बिहार के गया, नवादा, गोपालगंज, कैमूर और जमुई जिलों में पुराने शैलचित्र मिले हैं. बिहार के शैलचित्र कला परंपरा में विशिष्ट चित्रांकन का उदाहरण हैं. यह परंपरा कैमूर जिले के विंध्य क्षेत्र में और नवादा जिले से मिली है. इसके अतिरिक्त जमुई जिले से भी चित्रित शैलाश्रयों की प्राप्ति हुई है. गया और गोपालगंज जिलों से भी शैलचित्र प्रकाश में आये हैं.

बिहार म्यूजियम में देख सकते हैं कलेक्शन

बिहार म्यूजियम में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नयी दिल्ली के सहयोग से विश्व शैलचित्र कला विषय पर आधारित प्रदर्शनी लगायी गयी है जिसमें आप यह कलेक्शन देख सकते हैं. प्रदर्शनी 14 सितंबर तक चलेगी. यहां एशिया, आस्ट्रेलिया और यूरोप के दस हजार साल पुराने शैलचित्र लगाये गये हैं जो मानव सभ्यता के विकास को बताते हैं. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नयी दिल्ली के परियोजना निदेशक बीएल मल्ला ने बताया कि विश्व के शैलचित्र मानवीय प्रयासों की रोचक गाथा है, जिनके द्वारा मानव ने अपने सौंदर्य बोध को वास्तविक रूप देने का प्रयास किया. बिहार में भी उन्होंने प्राकृतिक कंदराओं और आश्रयणियों में निवास करते हुए चित्रों और नक्काशियों से सजाया-संवारा.

शैलचित्रों में बिहार-झारखंड की परंपरा के दर्शन

राष्ट्रीय कला केंद्र के मुताबिक पूर्वी भारत के शैलचित्र कला में बिहार और झारखंड का स्थान महत्वपूर्ण है. इनमें विषय पर आधारित प्रेरक और शैलीगत लक्षणों को दिखाया गया है. यहां तक कि ये मुख्यत: मध्य भारत की शैलचित्र कला से भी अलग हैं. इनमें विषय वस्तु में प्रमुख रूप से प्रतीकों, ज्यामितीय संकेतों, जटिल संरचनाओं और कर्मकांड के दृश्य दिखाये गये हैं. दोनों राज्यों में शुभ अवसरों पर अपने घरों की दीवारों पर स्वतंत्र रूप से चित्रण करने की परंपरा है. इन चित्रों में भी वही रूपांकन दिखाई देते हैं जो चित्रण शैल कला पुरास्थलों पर दिखाई देते हैं. बिहार की शैल कला मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश परंपरा का ही एक विस्तार है. यह लगभग विशेष रूप से चित्रों पर आधारित है.

रंगों से निर्मित चित्रों की मात्रा ज्यादा

बिहार-झारखंड में शैल कला की विशेषत: रंगों से निर्मित चित्रों की प्रबलता है. सजावटी रूपांकन में दोनों ज्यामितीय और अमूर्त गुण देखे जा सकते हैं. मोनोक्रोम चित्रों में लाल और सफेद रंग की अधिकता और पीले रंग की कमी देखी गयी है. दोरंगी चित्र लाल और सफेद रंग में हैं. दोनों राज्यों की शैल कला मध्य प्रस्तर युग से प्रारंभिक ऐतिहासिक काल के मध्य में तिथ्यांकित की गयी है. शैल चित्र लाइम स्टोन पर और सैंड स्टोन पर ही ये बनाये गये हैं.

अध्ययन के लिए ला रहे हैं प्रोजेक्ट

अभी इस विषय पर विस्तृत अध्ययन होना बाकी है. इसके लिए हम स्पेशल प्रोजेक्ट को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सौजन्य से बिहार में ला रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में बिहार म्यूजियम, सभी प्रमुख यूनिवर्सिटी के संबंधित विभाग के विशेषज्ञ शामिल होंगे. अक्तूबर में एक वर्कशॉप में विशेषज्ञ बुलाये जायेंगे, एएसआई के अधिकारी के साथ पटना यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ भी रहेंगे. नवंबर में विस्तृत अध्ययन का काम शुरू कर दिया जायेगा.
-डॉ रणबीर सिंह राजपूत, प्रभारी अपर निदेशक(प्रशासन), बिहार म्यूजियम

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें