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भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिले 70 वर्ष होने वाले हैं, इस 15 अगस्त को हम अपनी आजादी के 70 वर्ष पूरे कर लेंगे. लेकिन देश में महिलाओं की जो सामाजिक स्थिति है, उसमें ऐसा लगता नहीं कि उन्हें पूरी तरह से आजादी मिली है. महिलाओं की आजादी को पुरुषवादी सोच ने छीन लिया है. महिलाओं को उनके नागरिक अधिकार दिलाने के लिए 14 अगस्त को टीम मसूका (मानव सुरक्षा कानून) दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है.
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जहां महिलाएं अपनी आजादी का जश्न मनायेंगी. इस आयोजन का उद्देश्य यह बताना है कि महिलाएं स्वतंत्र हैं और उन्हें पुरुषों के समान अधिकार देश ने दिया है. वे जो चाहें पहन सकती हैं, जिसे चाहें प्रेम कर सकती हैं, जहां चाहें जा सकती हैं और शर्मिंदा करना नेता बंद करें. 14 अगस्त को जागरूक महिलाएं दिल्ली के जंतर-मंतर पर इकट्ठा होंगी और पितृसत्तामक समाज से मुक्ति की मांग करेंगी. आज ट्वीटर पर #AzadiFromPatriarchy ट्रेंड कर रहा है.
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इस कार्यक्रम के आयोजन का कारण यह है कि आये दिन समाज में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जो महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध लगाते हैं. हालिया उदाहरण चंडीगढ़ का है, जहां रात को घर वापस आ रही लड़की का कुछ लड़कों ने पीछा किया और उसके अपहरण की कोशिश की. बावजूद इसके लड़की पर सवाल उठाये जा रहे हैं, आखिर वह रात को बाहर क्यों थी?
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जब भी महिलाओं के साथ बदसलूकी होती, कोई दुर्घटना होती है, उसके व्यवहार, आचरण और कपड़ों पर सवाल उठाया जाता है. कई महिलाएं इस अभियान में शामिल होने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं और अपना संदेश छोड़ रही हैं कुछ लोग वीडियो संदेश भी दे रहे हैं.