Raksha Bandhan 2024: हर साल सावन पूर्णिमा के दिन भारत देश में लोग धूमधाम से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते हैं. रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती है और उनकी रक्षा की कामना करती है. इस दिन भाई भी अपनी बहनों को तरह-तरह के गिफ्ट देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं. इस दिन को यादगार बनाने के लिए अकसर लोग भाई-बहन के साथ घूमने का प्लान बनाते हैं. इस दौरान भाई-बहन साथ में मंदिर जाकर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं.

रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर अगर आप प्राचीन मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं. तो देश के अलग-अलग जगहों पर मौजूद ये मंदिर रहेंगे आपके लिए खास:

बंसी नारायण मंदिर, उत्तराखंड

Bansi narayan temple, uttarakhand

भारत देश के उत्तराखंड में स्थित बंसी नारायण मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित प्राचीन और रहस्यमय मंदिर है. यह मंदिर साल में केवल एक बार रक्षाबंधन के दिन खुलता है. रक्षाबंधन के दिन सूर्योदय के समय मंदिर के पट खोले जाते हैं और सूर्यास्त होते मंदिर को बंद कर दिया जाता है.

मान्यता है आज भी भगवान कृष्ण इस मंदिर में आते हैं. लोग उनकी बांसुरी की ध्वनि को सुन पाते हैं. कहा जाता है रक्षाबंधन के दिन बंसी नारायण मंदिर में आना सौभाग्य कारक होता है. इस दिन भगवान विष्णु अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. यह अनूठा मंदिर हिमालय की गोद में स्थित दर्शनीय स्थल है. रक्षाबंधन के दिन बंसी नारायण मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुटती है.

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यमुना धर्मराज मंदिर, मथुरा

Yamuna dharamraj temple, mathura

भगवान श्री कृष्ण की भूमि मथुरा में मौजूद है देवी यमुना और धर्मराज का प्राचीन मंदिर. धर्मराज और उनकी बहन यमुना को समर्पित इस मंदिर को यमुना धर्मराज मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है. रक्षाबंधन के दिन मथुरा शहर में स्थित यमुना धर्मराज मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस मंदिर के गर्भ गृह में बहन यमुना और भाई धर्मराज की प्रतिमा स्थापित है.

भैया बहिनी मंदिर, बिहार

Bhaiya bahini temple, bihar

भाई बहन के अटूट प्यार और विश्वास का त्यौहार रक्षाबंधन बिहार में धूमधाम से मनाया जाता है. बिहार के सिवान जिले में स्थित इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर का जुड़ाव भाई बहन के पवित्र रिश्ते से है. इस मंदिर के बाहर लगे बरगद के पेड़ की पूजा कर बहनें अपने भाइयों के लिए उन्नति, लंबी उम्र और सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं. यह प्राचीन मंदिर रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के साथ दर्शन करने के लिए बेहद खास हैं.

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