Shaheed Diwas 2022: आज शहीद दिवस मनाया जा रहा है. 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी की सजा दे दी गई. महज 23 साल की उम्र में भगत सिंह अपने साथियों के साथ हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए. भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर के लिए श्रद्धांजलि का सिलसिला शुरू हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने की भावना देशवासियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी. पीएम मोदी ने हिंदी में ट्वीट किया “शहीद दिवस पर, भारत माता के अमर पुत्रों वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को नमन. मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने की उनकी भावना देशवासियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी. जय हिंद!, ”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा कि तीनों की देशभक्ति ने विदेशी शासन के दौरान स्वतंत्रता की भावना जगाई और आज भी हर भारतीय को प्रेरित करती है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लिखा, ‘देश के स्वतंत्रता आंदोलन के अमर प्रतीक शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर मैं उन्हें नमन करता हूं. देश के इन वीरों के अमर बलिदान का हर देशवासी सदैव ऋणी रहेगा.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ऐसे विचार हैं जो हमेशा अमर रहेंगे.