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Rashtriya Balika Diwas 2023: बेटियों को बराबरी का हक दिलाने एवं उनकी सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन भारत के विभिन्न जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें लड़कियों के विकास और उत्थान के लिए कई प्रकार के योजनाओं की घोषणा की जाती है.
24 जनवरी को क्यों होता है राष्ट्रीय बालिका दिवस?
आपको बता दें कि हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस के तौर पर मनाने की एक खास वजह है. यह वजह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है. साल 1966 में इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज में लड़कियों के साथ हो रहे भेदभाव के मनो भावना को समाप्त करना है. जैसा कि आप लोग को मालूम होगा कि भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां पर लड़कियों के स्थिति काफी दयनीय है. वहां पर उन्हें जन्म से पहले ही मार दिया जाता है इन सब चीजों को रोकने के लिए ही राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. ताकि लोगों को जागृत करने का काम किया जा सके कि लड़कियां लड़कों से किसी भी मामले में कम नहीं है और आज की लड़की यकीनन लड़कों से आगे निकल चुकी हैं ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है.
जहां पर लड़कियों ने अपना परचम नहीं लगाया हो इसलिए हम सबको राष्ट्रीय बालिका दिवस के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमें निरंतर काम करना चाहिए इसके अलावा माता-पिता का सबसे पहला कर्तव्य है कि वह अपनी लड़कियों के साथ कोई भी भेदभाव ना करें.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय बालिका दिवस के इतिहास के बारे में अगर हम चर्चा करें तो हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत 24 जनवरी 2008 को की गई थी उसके बाद से भारत में 24 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है . इसके अलावा 1966 में इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी के दिन एक महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी जो प्रत्येक देशवासियों के लिए एक गौरव का पल था क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था कि एक महिला देश के प्रधानमंत्री बन गई थी जो महिला के शक्ति करण की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव था .