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Prayagraj Famous Places: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ की तैयारी तेजी से चल रही है. 12 साल बाद एक बार फिर 2025 में महाकुंभ लगने वाला है. कुंभ 2019 की तरह महाकुंभ को यूपी सरकार और भी ज्यादा दिव्य और भव्य बनाने वाली है. इस बार महाकुंभ में दुनिया के कई देशों के लोगों के आने की अनुमान लगाई जा रही है. लेकिन तीर्थों राज नाम से मशहूर प्रयागराज धार्मिक नगरी के साथ ऐतिहासिक नगरी भी है. ऐसे में महाकुंभ के साथ-साथ श्रद्धालु प्रयागराज की इन मशहूर इमारतों और स्थलों की सैर कर सकते हैं.
आजाद पार्क
प्रयागराज शहर आजादी के मतवालों के लिए कर्म स्थली रही है. प्रयागराज में अमर शहीद चंद्रशेखर के नाम से एक आजाद पार्क है. इसी पार्क में मौजूद एक पेड़ के नीचे चंद्रशेखर आजाद ने आखिरी बची हुई गोली से खुद को शहीद कर लिया था. आजाद पार्क को कंपनी बाग के नाम से भी जाना जाता है. इस पार्क में इलाहाबाद संग्रहालय है, जिसमें कई तरह के ऐतिहासिक और पुरातात्विक चीजों को संजोया गया है.
अकबर का किला
गंगा और यमुना के बीच एक किला मौजूद है. जिसे मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था. महाकुंभ के लिए आ रहे श्रद्धालु अकबर का किला देख सकते हैं. यह किला शाम के समय पूरी तरह से भव्यता में डूब जाता है.
आनंद भवन
प्रयागराज, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की जन्मस्थली रही है. यहीं पर नेहरू परिवार का ऐतिहासिक आवास है, जिसे आनंद भवन के नाम से जाना जाता है. इस भवन में पंडित नेहरू के परिवार की हर छोटी सी छोटी चीजों को संभाल के रखा गया है.
फांसी-इमली का पेड़
प्रयागराज के सुलेम सराँय इलाके में फांसी-इमली का पेड़ स्थित है. इस पेड़ पर अंग्रेजों ने आजादी की चाहत रखने वाले 100 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया था.
खुसरो बाग
प्रयागराज जंक्शन से थोड़ी दूर पर खुसरो बाग स्थित है. जो कि मुगल नक्काशी का नायाब उदाहरण है. यहां कई सारे मकबरे हैं. इस बाग का नाम मुगल शासक जहांगीर के बेटे खुसरों के नाम पर पड़ा है.
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