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Amarnath Yatra 2023: हिंदू धर्म में अमरनाथ धाम की यात्रा का विशेष महत्व है. अमरनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु समुद्र तल से 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लंबी और जटिल यात्रा करते हैं. कुछ ग्रंथों में अमरनाथ धाम को मोक्ष का द्वार भी बताया गया है. हर साल बड़ी संख्या में लोग अमरनाथ जाते हैं और स्वयंभू शिवलिंगम के दर्शन मात्र से धन्य हो जाते हैं. आइए जानते हैं अमरनाथ यात्रा कब शुरू होती है और बाबा बर्फानी के दर्शन का क्या महत्व है.
अमरनाथ यात्रा 2023 कब शुरू हो रही है
इस साल अमरनाथ यात्रा 01 जुलाई 2023 को शुरू हो रही है और 31 अगस्त को खत्म होगी. यह यात्रा दो महीने तक चलती है और इस यात्रा के लिए पंजीकरण 17 अप्रैल 2023 को शुरू हुआ था. पंजीकरण ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से किया जा सकता है.
अमरनाथ यात्रा का महत्व क्या है?
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा प्राचीन काल से की जा रही है. बता दें कि प्राचीन काल में अमरनाथ गुफा को ‘अमरेश्वर’ कहा जाता था. इसके साथ ही यहां माता पार्वती का शक्तिपीठ भी मौजूद है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक है. शास्त्रों के अनुसार इस स्थान पर मां भगवती का कंठ गिरा था. धार्मिक मान्यता है कि पूरी श्रद्धा से किए गए दर्शन से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है और मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं.
सर्दियों में अमरनाथ धाम बर्फ से ढका रहता है और गर्मियों के मौसम में यहां स्वंभू शिवलिंग के दर्शन होते हैं. इसका मतलब यह है कि यहां प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है और यहां भगवान गणेश और माता पार्वती को भी उसी रूप में देखा जा सकता है. अमरनाथ धाम की विशेषता यह है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन बाबा बर्फानी अपने पूर्ण आकार में प्रकट होते हैं और उसके बाद उनका आकार घटने लगता है.