World Oral Health Day : रोजाना समुचित तरीके से मुंह की सफाई न करने से दांतों का पीला होना, सांस से बदबू आना, मसूड़ों में सूजन या खून आना, दांतों का बदरंग होना जैसी समस्याएं तो होती ही हैं. कैविटी, पायरिया, जिंजीवाइटिस जैसे रोग भी लग जाते हैं, जो दंत क्षय का कारण बनते हैं.

ओरल हेल्थ को ‘गेटवे ऑफ जनरल हेल्थ’ माना जाता है. क्योंकि जो भी हम खाते हैं, उसकी पाचन प्रक्रिया मुंह से ही शुरू हो जाती है. स्वच्छ मुंह से खाने-पीने पर बीमारियों से हमारा बचाव होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. मुंह की सफाई न करने से बैक्टीरियल इन्फेक्शन तो होता ही है, वह पेट तक भी फैल सकता है और स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों की वजह बन सकता है.

शरीर के महत्वपूर्णों अंगों को खतरा
अध्ययनों से साबित हुआ है कि अगर हमारे मुंह का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, तो इसका प्रभाव शरीर पर पड़ता है जैसे- पायरिया मसूड़ों की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज या ब्रेन स्ट्रोक होने का रिस्क दोगुना हो जाता है. पायरिया पेरिओडोन्टाइटिस होने पर शरीर शुगर लेवल मेंटेन करने में दिक्कत रहती है, जिससे डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है. इसी तरह ओरल हाइजीन ठीक न होने से लंग, लिवर डिजीज या पैंक्रियाटिक कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

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इन बातों का जरूर रखें ध्यान

  • दांतों की सफाई के लिए 2-2-2 का फॉर्मूला अपनाएं. यानी दिन में 2 बार करें, ब्रश कम-से-कम 2 मिनट तक करें और पूरे साल में 2 बार डेंटिस्ट को अपने दांत जरूर चेक कराएं. एक बात जो सबसे जरूरी है कि रात में सोने से पहले ब्रश जरूर करें.
  • कुछ भी खाने के बाद 5-10 मिनट रुक कर कुल्ला जरूर करें. खाना खाने के बाद मुंह को अगर ठीक से साफ न किया जाये, तो भोजन के कण दांतों के बीच में रह जाते हैं, जो दांतों में सड़न उत्पन्न करते हैं और दांतों की समस्या उत्पन्न हो जाती है.
  • हार्ड ब्रश के इस्तेमाल या ज्यादा प्रेशर से ब्रश करने से मसूड़ों के पास दांत का इनेमल घिस जाता है, जिससे दांतों में सेंसिटिविटी या ठंडा-गर्म लगने की समस्या आने लगती है.
  • ब्रश करने का तरीका ऐसा होना चाहिए कि आपके सारे दांत और उनकी सतह अच्छी तरह साफ हो जाये. ब्रश पर मटर के दाने के बराबर पेस्ट लेकर 45 डिग्री कोण पर पकड़ें. एक तरफ के दांत पहले 2-3 बार आगे-पीछे साफ करें. फिर क्लॉक वाइज और एंटी-क्लॉक वाइज धीरे-धीरे घुमाते हुए हल्के हाथों से ब्रश करें. पूरा मुंह को साफ करना जरूरी है. ब्रश करने के बाद जीभ भी साफ करें.
  • अपनी उंगली से मसूड़ों की मसाज जरूर करें. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मसूड़े स्वस्थ बनते हैं. सप्ताह में 1-2 बार फ्लॉसिंग जरूर करें. इससे दांतों में जमी गंदगी निकल जाती है.
  • 6-7 बार सादे पानी से और आखिर में माउथवॉश से कुल्ला करें. इससे मुंह में मौजूद जर्म्स खत्म हो जाते हैं और बदबू नहीं आती.

नोट : दांतों के बीच में कुछ ऐसी जगह होती हैं, जहां टूथब्रश नहीं पहुंच पाता. ऐसी स्थिति में दांतों में सड़न हो सकती है. हर छह महीने में एक बार दंत विशेषज्ञ से चेकअप जरूर करवाएं, ताकि बीमारी को आरंभिक अवस्था में ही पकड़ा जा सके और समुचित उपचार किया जा सके.

(डॉ अनुसूया शर्मा, डेंटल सर्जन, दिल्ली से बातचीत पर आधारित)

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.