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द कपिल शर्मा शो के हालिया एपिसोड में, कपिल ने मदर्स डे स्पेशल के लिए सुधा मूर्ति, गुनीत मोंगा और रवीना टंडन को आमंत्रित किया था. अनफिल्टर्ड बातचीत में, सुधा मूर्ति ने अपने करियर के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि उनके सक्सेस के पीछे किनका हाथ है. सुधा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और पति को दिया. उन्होंने अपने जीवन के दो प्रमुख क्षण साझा किए.
सुधा मूर्ति हुई इमोशनल
सुधा मूर्ति ने कहा, “पिछले महीने मैं टेल्को पुणे गई थी, जिसे अब टाटा मोटर्स कहा जाता है. मैं वहां करीब 50 साल बाद गई. मैं कार डिविजन में गई और मैंने देखा कि 300 लड़कियां काम कर रही हैं और कारों को असेंबल कर रही हैं. इसे देखकर मैं इमोशनल हो गई.” ऐसा इसलिए है, क्योंकि मेरे पिता उन दिनों में जब हर कोई मुझे इंजीनियरिंग करने देने के फैसले के खिलाफ था, सभी से लड़े और मुझे अपने सपनों का पीछा करने दिया. ये पुरस्कार, मुझे जो सम्मान मिला है, वह सब उनके लिए है.
नारायण मूर्ति ने हर मोड़ पर किया सपोर्ट
सुधा ने आगे बताया, “जब मैंने पहली रैंक हासिल की, तो मुझे लगा कि लोगों को यह कहने देना चाहिए कि इंजीनियरिंग पुरुषों का काम है, मैं इसे उनसे बेहतर कर सकती हूं.” अपने विवाहित जीवन के बारे में बात करते हुए, सुधा ने साझा किया, “जब हमने इन्फोसिस शुरू किया, तो अगले 30 वर्षों तक हम छुट्टी पर नहीं गए, क्योंकि नारायण मूर्ति हमेशा काम करते थे. वह 200 से अधिक दिनों के लिए दौरा करते थे. मैंने कभी भी किसी से कुछ भी उम्मीद नहीं की थी.” मैंने दोनों बच्चों को पाला, जब हमारे बच्चे बाहर गए, तो नारायण को एहसास हुआ कि मैंने उनका कितना समर्थन किया. बाद में, उन्होंने मुझे अपना करियर जारी रखने के लिए कहा और वह हर मोड़ पर सपोर्ट किया.
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