दिग्गज लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते है. वह अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में भी घिरे रहते है. अब एक बार फिर से जावेद अख्तर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है. अब उन्होंने 100 महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी और धर्म संसद मामले पर अपने विचार रखे हैं. साथ ही इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.

जावेद अख्तर ने मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को “हैरान” कहा. उन्होंने कहा कि मुसलमान महिलाओं की तसवीरों के साथ हो रहा छेड़छाड़ गलत है. उन्होंने इसकी कड़ी निंदा की है. प्रमुख हस्तियों सहित सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को ‘बुली बाई’ नामक एक ऐप पर “नीलामी” के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें तस्वीरों को बिना अनुमति छेड़छाड़ की गई थी. एक साल से भी कम समय में ऐसा दूसरी बार हुआ है. ऐप सुली डील का क्लोन प्रतीत होता है, जिसने पिछले साल इसी तरह का काम शुरू किया था.

अख्तर ने सभी मुद्दों को लेकर ट्विटर पर ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि वह इन मुद्दों पर प्रचलित “चुप्पी” से स्तब्ध हैं. “सौ महिलाओं की एक ऑनलाइन नीलामी है, तथाकथित धर्म संसद हैं, जो सेना को पुलिस और लोगों को लगभग 200 एमएलएन भारतीयों के नरसंहार के लिए जाने की सलाह देते हैं. मैं अपनी और विशेष रूप से पीएम सहित हर एक की चुप्पी से हैरान हूं. क्या यह सब का साथ है?”

अख्तर ने इसके साथ ही पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित एक धर्म संसद पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर कुछ प्रतिभागियों द्वारा दिए गए नफरत भरे भाषणों पर सार्वजनिक आक्रोश फैल गया. सोमवार को हुई घटना के सिलसिले में 10 लोगों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई है.

आपकों बता दें कि जावेद अख्तर के बेटे और अभिनेता-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर ने भी महिलाओं को ‘नीलामी’ के लिए रखने के “बीमार” कृत्य के खिलाफ ट्वीट किया था. फरहान ने ट्वीट कर कहा था कि, “यह दुखद है! अधिकारियों से अनुरोध है कि इस अजीबोगरीब कृत्य के पीछे लोगों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए.” इसके अलावा अभिनेत्री स्वरा भास्कर, ऋचा चड्ढा, श्रुति सेठ और पटकथा लेखक वरुण ग्रोवर सहित कई अन्य बॉलीवुड हस्तियों ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की और इसकी कड़ी निंदा की थी.

Posted By Ashish Lata