Entertainment News : सुप्रसिद्ध नाट्य समीक्षक जयदेव तनेजा को मिलेगा 2024 का ‘कारवां-ए-हबीब’ सम्मान

सुप्रसिद्ध नाट्य समीक्षक जयदेव तनेजा को इस वर्ष का 'कारवां-ए-हबीब' सम्मान दिया जायेगा. चयन समिति ने सर्वसम्मति से उनका चयन किया है. इससे पूर्व भी रंगकर्म से जुड़ी कई प्रसिद्ध हस्तियों को यह सम्मान दिया जा चुका है.

By Aarti Srivastava | September 3, 2024 2:39 PM
an image

Entertainment News : वर्ष 2024 का ‘कारवां-ए-हबीब सम्मान’ सुप्रसिद्ध नाट्य समीक्षक जयदेव तनेजा को दिया जायेगा. यह सम्मान और नाट्योत्सव ‘कारवां-ए-हबीब तनवीर’ समिति, विकल्प साझा मंच और अस्मिता थियेटर ग्रुप की तरफ से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है. विदित हो कि हबीब तनवीर की वैचारिक-सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से रंगमंच सहित साहित्य, संस्कृति, समाज और राजनीति के क्षेत्र में विशिष्ट, जनपक्षधर और समग्र योगदान के लिये प्रतिवर्ष किसी एक व्यक्तित्व को ‘कारवां-ए-हबीब सम्मान’ प्रदान किया जाता है. प्रतिवर्ष यह सम्मान, रंगकर्मी और निर्देशक हबीब तनवीर की स्मृति में दिया जाता है.

प्रसिद्ध रंगकर्मी अरविंद गौड़ का कहना है कि इस बार इस सम्मान के लिए चयन समिति के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से जयदेव तनेजा के नाम पर मुहर लगायी गयी है. इस वर्ष की चयन समिति में प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं फिल्मकार अनामिका हक्सर, वरिष्ठ रंगकर्मी, अभिनेता एवं रंग शिक्षक अमिताभ श्रीवास्तव, हिंदी के सुपरिचित नाटककार एवं संस्कृतिकर्मी राजेश कुमार, सुप्रसिद्ध साहित्यकार गीता श्री, हबीब तनवीर की संस्था नया थियेटर के सुप्रसिद्ध अभिनेता रामचंद्र सिंह, समकालीन रंगमंच पत्रिका के संपादक और वरिष्ठ रंग समीक्षक राजेश चंद्र, चर्चित युवा रंग निर्देशक, कवि एवं समीक्षक ईश्वर शून्य, वरिष्ठ रंगकर्मी और निर्देशक बापी बोस, प्रसिद्ध नारीवादी एक्टिविस्ट और स्त्रीकाल पत्रिका के संपादक संजीव चंदन, वरिष्ठ रंगकर्मी और फिल्मकार उपेंद्र सूद शामिल रहे हैं. सलाहकार समिति के सदस्य, जिनमें वरिष्ठ रंग निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता प्रसन्ना, सुप्रसिद्ध साहित्यकार और नाटककार असगर वजाहत, वरिष्ठ साहित्यकार उदयप्रकाश, वरिष्ठ रंग निर्देशक भानु भारती, अभिनेता, निर्देशक और रानावि के पूर्व निदेशक रामगोपाल बजाज शामिल हैं, इन सभी ने सर्वसम्मति से इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिये जयदेव तनेजा के नाम का अनुमोदन किया.

ज्ञात हो कि जयदेव तनेजा से पहले यह सम्मान अनामिका हक्सर (2018), प्रसन्ना (2019), उषा गांगुली (2020, मरणोपरांत), राम गोपाल बजाज (2021), राजेश कुमार( 2022) और भानु भारती (2023) को दिया जा चुका है.

डॉ जयदेव तनेजा का जन्म 15 मार्च, 1943 को ओकाड़ा, पाकिस्तान में हुआ था. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमलिट् और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने हिंदी नाटक और रंगमंच की तीन पीढ़ियों को अपनी आलोचना और चिंतन से प्रेरित-परिष्कृत किया है.

Exit mobile version