कंटेंट के मामले में कमजोर हो रहा टीवी अपूर्व अग्निहोत्री

छोटे परदे का लोकप्रिय चेहरा अपूर्व अग्निहोत्री इन दिनों रियलिटी शो पावर कपल के साथ-साथ धारावाहिक सौभाग्यलक्ष्मी में भी नजर आ रहे हैं. अपूर्व डेली सोप्स के मामले में बहुत चूजी रहे हैं. इस शो और टेलीविजन इंडस्ट्री को लेकर उर्मिला कोरी से हुई उनकी बातचीत के खास अंश. – सौभाग्यलक्ष्मी से जुड़ने की क्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2016 8:40 AM
छोटे परदे का लोकप्रिय चेहरा अपूर्व अग्निहोत्री इन दिनों रियलिटी शो पावर कपल के साथ-साथ धारावाहिक सौभाग्यलक्ष्मी में भी नजर आ रहे हैं. अपूर्व डेली सोप्स के मामले में बहुत चूजी रहे हैं. इस शो और टेलीविजन इंडस्ट्री को लेकर उर्मिला कोरी से हुई उनकी बातचीत के खास अंश.
– सौभाग्यलक्ष्मी से जुड़ने की क्या वजह रही?
मैं इस शो से विकास गुप्ता की वजह से जुड़ा हूं. वह एंड टीवी के हेड हैं. मैं उनको कई बरसों से जानता हूं. जब उन्होंने इस शो का ऑफर किया तो मैं मना नहीं कर पाया. वैसे भी टेलीविजन पर यही सब चल रहा हैं. ऐसे में आप कितना भी अलग करने की सोचे आप नहीं कर पाएंगे.
इन दिनों टेलीविजन पर शोज में नये चेहरों को लाकर कहानी पूरी तरह से बदल दी जा रही हैं. इस सीरियल का तो नाम भी बदल गया. भाग्यलक्ष्मी से यह सौभाग्यलक्ष्मी बन गया है. वैसे शो में मेरा किरदार थोड़ा रोचक है. मेरे पिछले किरदार के मुकाबले अलग शेड्स हैं. उम्मीद करता हूं मेरा यह शो लोगों को पसंद आएगा.
– आप डेढ़ दशक से टेलीविजन का हिस्सा हैं. इन बरसों में आप क्या बदलाव पाते हैं?
कंटेंट के मुकाबले में हम दिन-ब-दिन कमजोर होते जा रहे हैं. उड़ान और बालिका वधु जैसे शोज उंगलियों पर बनते हैं वरना वही सास बहू और वही सब चीजें एक के बाद एक शो में दिखाई जा रही हैं.
टेलीविजन की जितनी बड़ी पहुंच है उस मुकाबले उस पर बहुत काम करने की जरूरत है. कंटेंट के तौर पर टेलीविजन में रेवोलुशन लाने की जरूरत है. मैं खुद एक्टर के तौर पर खास तौर पर डेली शोज से दूर ही रहना पसंद करता हूं. मुझे डेली शोज के मुकाबले रियलिटी शोज का हिस्सा बनना ज्यादा पसंद है. समय कम लगता है और पैसे भी अच्छे मिलते हैं. हां, ये जरूर कहूंगा कि अब टेलीविजन बहुत प्रोफेशनल हो गया है. काम बहुत है और समय कम इसलिए आपको प्रोफेशनल होना ही पड़ता है. आपको समय पर पहुंचना होता है.
– इन दिनों टेलीविजन की तुलना फिल्मों से की जाती है. आप इसे कितना सही मानते हैं?
टेलीविजन फिल्म के बराबर हो गया है, मैं इस बात को कभी नहीं मान सकता हूं. हां, टेलीविजन की पहुंच बहुत बड़ी है. मैं यह मान सकता हूं, लेकिन फिल्म और उसकी बराबरी नहीं हो सकती. टीवी शोज से ज्यादा से ज्यादा लोग इसलिए जुड़ते हैं, क्योंकि यह फ्री है. जिस दिन लोग पैसे देकर टेलीविजन शोज देखने लगेंगे, मैं उस दिन मानूंगा. जिस दिन टीवी स्टार्स को बॉलीवुड स्टार्स के बराबर महत्व दिया जाने लगेगा तब मैं यकीं करूंगा. अरे भाई लोग पैसे लगा कर थिएटर में सभी स्टार्स की फिल्में नहीं देखते हैं. पैसे लगा कर वह चुनिंदा स्टार्स की फिल्में थिएटर में देखने जाते हैं. टीवी फ्री है, इसलिए लोग इससे जुड़े हुए हैं.
– आप कई बार कह चुके हैं कि आप फिल्मों का निर्देशन करना चाहते हैं. आपके उस सपने का क्या स्टेटस है?
हां, यह मेरा ड्रीम है कि मैं निर्देशक बनूं. लेकिन अभी इस में वक्त है. मैं निर्देशन से पहले फिल्मों से बतौर असिस्टेंट जुड़ना चाहूंगा, उसके बाद ही मैं किसी फिल्म का निर्देशन करूंगा. निर्देशन बहुत ही जिम्मेदारी का काम होता है. इसे मैं जल्दीबाजी में करने के मूड में नहीं हूं

Next Article

Exit mobile version