बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन पर हैरानी जताते हुए अभिनेता परेश रावल ने ट्वीट किया, इस हिसाब से तो दिवंगत श्री मोहम्मद रफी जी को भजन नहीं गाना चाहिए था और नौशाद साहब को उसे कंपोज नहीं करना चाहिए था. उन्होंने लिखा, भाषा का धर्म से क्या संबंध? विडंबना यह है कि प्रोफेसर ने संस्कृत में पीएचडी की है.

दरअसल, बीएचयू में सप्‍ताह भर से अधिक समय से कुछ छात्र मुस्लिम प्रोफेसर फ‍िरोज खान के नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि महामना की फुलवारी में संस्‍कृत विभाग में किसी भी अन्‍य धर्म के अध्‍यापक की नियुक्ति अनुचित है.

इसी प्रकरण को लेकर काफी समय से बीएचयू का माहौल गर्म बना हुआ है. देश ही नहीं, विदेशी मीडिया में भी बीएचयू जैसे वैश्विक संस्‍थान में चल रहा मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति का विवाद इन दिनों चर्चा के केंद्र में बना हुआ है.