13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 04:38 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मां नरगिस के निधन के तीन साल बाद फूट-फूट कर रो पड़े थे संजय दत्त

Advertisement

नयी दिल्ली : संजय दत्त की मां नरगिस का जब निधन हुआ तब तो वह नहीं रोये लेकिन तीन साल बाद एक टेप में मां की आवाज सुनते ही वह फफककर कर रो पड़े. संजय दत्त पर आयी एक नयी किताब में बॉलीवुड के ‘ऑरिजनल बैड ब्वॉय’ के बारे में अतीत की ऐसी कई बातों […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : संजय दत्त की मां नरगिस का जब निधन हुआ तब तो वह नहीं रोये लेकिन तीन साल बाद एक टेप में मां की आवाज सुनते ही वह फफककर कर रो पड़े. संजय दत्त पर आयी एक नयी किताब में बॉलीवुड के ‘ऑरिजनल बैड ब्वॉय’ के बारे में अतीत की ऐसी कई बातों का जिक्र है. यासीर उस्मान की ‘संजय दत्त : द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड बैड ब्वॉय’ में अच्छी, बुरी, बेतुकी चीजों, गलतियों, संघर्ष, दिल को झकझोर देने वाली और जबरदस्त कामयाबी समेत हर सफर की दास्तान है.

- Advertisement -

जगरनॉट द्वारा प्रकाशित किताब में संजय की हमसफर, उनके नशीली दवा लेने जैसे कई वाकये का जिक्र किया गया है. संजय की फिल्म ‘रॉकी’ के प्रदर्शित होने से पहले तीन मई 1981 को कैंसर से नरगिस का निधन हो गया था. उस्मान ने लिखा है, ‘संजय की मां का निधन हुआ तो वह नहीं रोये. नरगिस के गुजरने के तीन साल बाद अचानक संजय का जख्म हरा हो गया.’

संजय उस वक्त अमेरिका में नशीली दवा की लत से छुटकारा के लिए उपचार केंद्र में भर्ती थे. उपचार के दौरान मदद के लिए पिता सुनील दत्त ने नरगिस के अंतिम दिनों के कुछ टेप उन्हें भेजे थे. किताब में कहा गया है, ‘संजय को जब अपने पिता से टेप मिला तो उन्हें पता नहीं था कि उसमें क्या है. उन्होंने उसे बजाया और अचानक ही कमरे में नरगिस की आवाज गूंजने लगी. उन्हें अपना बचपन याद आ गया, जब उनकी मां की आवाज दत्त के बंगले में गूंजती थी.’

उनकी मां की आवाज कमजोर, रुक-रुक कर और दर्द से भरी हुई थी, लेकिन तब भी नरगिस अपने प्यारे बेटे के सपनों की बात कर रही थीं और उन्हें सलाह दे रही थीं. संजय ने अपनी मां की आवाज सुनी और उन्हें अहसास हुआ कि मां उन्हें कितना प्यार करती थीं.किताब में संजय के हवाले से कहा गया है, ‘मैं दहाड़ मार कर रोने लगा. मैं रोता रहा. चार दिनों तक आंखों से आंसू नहीं थमे. मुझे लगता है कि जब उनका निधन हुआ तब मैं सदमे में नहीं था. लेकिन उनकी आवाज और टेप ने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी.’

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें