Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने लद्दाख लोकसभा सीट से ताशी ग्यालसन को अपना उम्मीदवार बनाया. इस सीट से वर्तमान में जामयांग त्सेरिंग नामग्याल सांसद हैं. लेकिन मौजूदा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है. ग्यालसन मौजूदा समय में लेह स्थित लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के अध्यक्ष सह प्रमुख कार्यकारी पार्षद हैं.

टिकट मिलने पर क्या बोले ताशी ग्यालसन

लद्दाख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी पर भाजपा के ताशी ग्यालसन ने कहा, मुझ पर विश्वास दिखाने के लिए मैं पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं. मुझे नहीं लगता लद्दाख में चुनाव बीजेपी के लिए उतना चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि लद्दाख जब से केंद्र शासित प्रदेश बना है, तब से यहां बहुत काम हुए हैं. मुझे विश्वास है कि लोग पीएम मोदी पर भरोसा करेंगे और बीजेपी जीतेगी.

बीजेपी ने नामग्याल का टिकट क्यों काटा

नामग्याल को हटाने का भाजपा का फैसला लेह में बौद्धों के एक वर्ग के बीच सत्तारूढ़ दल के प्रति नाराजगी के बीच आया है. स्थानीय सूत्रों ने कहा कि ग्यालसन पेशे से एक वकील हैं. उन्होंने बताया कि ग्यालसन इस सीट पर भाजपा की पकड़ बनाए रखने के लिए बेहतर स्थिति में हैं, जिसमें मुस्लिम बहुल कारगिल भी शामिल है. लद्दाख सीट पर 20 मई को मतदान होगा.

2014 और 2019 में भी बीजेपी उम्मीदवार को लद्दाख से मिली थी जीत

लोकसभा चुनाव 2019 में लद्दाख सीट से बीजेपी उम्मीदवार जामयांग त्सेरिंग नामग्याल को जोरदार जीत मिली थी. उन्होंने 42,914 से चुनाव जीता था. जबकि उससे पहले 2014 में बीजेपी उम्मीदवार थुप्स्तन छेवांग को जीत मिली थी.

अनुच्छेद 370 पर दिए भाषण से सुर्खियों में आए थे नामग्याल

नामग्याल 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का बचाव करने के लिए लोकसभा में दिए भाषण के वायरल होने के बाद सुर्खियों में आए थे.

लद्दाख में 1984 तक कांग्रेस का रहा दबदबा

लद्दाख लोकसभा सीट पर 1967 से 1984 तक कांग्रेस का दबदबा रहा. 1967 में कांग्रेस उम्मीदवार कुशोक बकुला पहली बार जीत कर संसद पहुंचे थे. उसके बाद 1977 में कांग्रेस उम्मीदवार पार्वती देवी को जीत मिली थी. 1980 में कांग्रेस उम्मीदवार फुंटसोग नामग्याल चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.

गुजरात की बाकी 25 सीटों पर 265 उम्मीदवार मैदान में

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के निर्विरोध जीत के बाद प्रदेश की 26 में से 25 लोकसभा सीटों के लिये अब 265 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां सात मई को मतदान होगा.

सूरत से बीजेपी को मिली पहली जीत

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का खाता खुल चुका है. सूरत सीट से बीजेपी को बिना चुनाव जीत मिल गई है. दरअसल कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी प्रत्याशियों के अपने नामांकन वापस लेने के बाद गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए. गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, 12 से 19 अप्रैल के बीच 26 लोकसभा सीटों के लिए कुल 433 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए. इसके अलावा, पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 37 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा किये.

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