बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने सभी स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में के एंट्रेंस एग्जाम की तारीखों की हुई घोषणा. बीएचयू की प्रवेश परीक्षा अब दो चरणों में होगी. परीक्षा का पहला चरण 24 से 31 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण की परीक्षा 9 से 14 सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी.

पहले चरण में इन पोस्टग्रेजुएशन कोर्सेज की होगी परीक्षा

  • LLB (3-years)

  • BEd

  • BEd-Special Education

  • BP ED

  • BFA

  • BPA

दूसरे चरण में इन अंडरग्रेजुएशन कोर्सेज की होगी परीक्षा

  • BA (Hons) Arts

  • BA (Hons) Social Sciences

  • BCom (Hons)

  • BCom — FMM

  • BSc (Hons) Ag

  • BA LLB – 5 years (Hons)

  • BSc (Hons) Maths

  • BSc (Hons) Bio

  • Shashtri (Hons)

  • Different programmes of BVoc

आधिकारिक नोटिस के अनुसार, विस्तृत कार्यक्रम 17 अगस्त को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की आधिकारिक वेबसाइट bhuonline.in पर जारी किया जाएगा. प्रवेश परीक्षा के लिए ई-एडमिट कार्ड प्रवेश परीक्षा की तारीख से एक सप्ताह पहले वेबसाइट पर उपलब्ध होगा. उम्मीदवार ई-एडमिट कार्ड बीएचयू की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं.

बीएचयू यूईटी 2020 योग्यता मापदंड

शैक्षिक योग्यता

  • किसी मान्यता प्राप्त संस्था से कक्षा 12वीं पास होनी चाहिए

  • कम से कम 50 प्रतिशत प्राप्त होने चाहिए

बी.एड कोर्स के लिए

  • साइंस / सोशल साइंस / हमनीटीएस / कॉमर्स में बैचलर की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए

  • कम से कम 50 प्रतिशत प्राप्त होने चाहिए

एलएलबी ऑनर्स इन बैचलर ऑफ लॉ कोर्स के लिए

  • किसी मान्यता प्राप्त संस्था से बैचलर की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए

  • कम से कम 50 प्रतिशत प्राप्त होने चाहिए

बी.ए एलएलबी ऑनर्स कोर्स के लिए

  • किसी मान्यता प्राप्त संस्था से कक्षा 12वीं पास होनी चाहिए

  • सामान्य वर्ग को 50% अंक प्राप्त होने चाहिए

  • ओबीसी वर्ग को 45% मार्क्स और एसटी / एससी वर्ग को 40 अंक प्राप्त होने चाहिए

बी.पी.एड कोर्स के लिए

  • किसी मान्यता प्राप्त संस्था से बैचलर की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए

  • कम से कम 50 प्रतिशत प्राप्त होने चाहिए

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू )

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है. बीएचयू जिसे (बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी) कहा जाता है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना (वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय एक्ट, एक्ट क्रमांक 16, सन् 1915) महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन् 1916 में वसंत पंचमी के पुनीत दिवस पर की गई थी. दस्तावेजों के अनुसार इस विश्वविद्यालय की स्थापना मे मदन मोहन मालवीय जी का योगदान केवल सामान्य संस्थापक सदस्य के रूप मे था, दरभंगा के महाराजा रामेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय की स्थापना में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था दान देकर की. इस विश्वविद्यालय के मूल में डॉ॰ एनी बेसेन्ट द्वारा स्थापित और संचालित सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की प्रमुख भूमिका थी. विश्वविद्यालय को “राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान” का दर्ज़ा प्राप्त है. हैदरबाद के निज़ाम -मीर उस्मान अली खान विश्वविद्यालय के लिए 10 लाख रुपये का बड़ा दान दिया.