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RBI: भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नियमों का सख्ती से पालन नहीं करने वाले वित्तीय संस्थानों पर लगातार बड़ी कार्रवाई की जा रही है. पेटीएम और आईआईएफएल जैसे बड़े संस्थानों को भी चेतावनी के बाद सुधार नहीं करने पर रिजर्व बैंक प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है. अब आरबीआई के द्वारा अन्य पांच बैंकों पर विभिन्न नियामक मानदंडों के उल्लंघन के लिए बड़ा जुर्माना लगाया गया है. बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दायरे में आने वाले सभी बैंक सहकारी बैंक हैं. उनके ऊपर 60.3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इससे पहले शीर्ष बैंक के द्वारा केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बंधन बैंक आदि पर भी कार्रवाई की गयी है.
किन बैंकों पर हुई कार्रवाई
रिजर्व बैंक के द्वारा राजकोट नागरिक सहकारी बैंक पर 43.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना ‘निदेशकों और उनके रिश्तेदारों को कर्ज और अग्रिम पर प्रतिबंध समेत अन्य बातों को को लेकर रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन न करने को लेकर लगाया गया है. जबकि, केंद्रीय बैंक ने द कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक (नई दिल्ली), राजधानी नगर सहकारी बैंक (लखनऊ) और जिला सहकारी बैंक, गढ़वाल (कोटद्वार, उत्तराखंड) पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा जिला सहकारी बैंक (देहरादून) पर दो रुपये का जुर्माना लगाया गया है. रिजर्व बैंक के जुर्माने का भुगतान बैंकों को अपने पास से करना है.
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क्या होगा ग्राहकों पर असर
रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्येक मामले में, जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने संबंधित ग्राहकों के साथ किए गए समझौते के किसी भी लेनदेन की वैधता को प्रभावित करना नहीं है. इसका अर्थ है कि अगर इन बैंकों में ग्राहकों का खाता है तो उनके ऊपर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा. जुर्माने की राशि को बैंक को अपने पास से भरना होगा. इसके लिए वो ग्राहकों पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगा सकती है.
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