Old Pension Scheme को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ी जानकारी दी है. सरकार ने बताया कि देश के पांच राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया कि पांच राज्यों की सरकारों ने केंद्र को पुरानी पेंशन योजना को फिर से अपनाने के अपने फैसले के बारे में अवगत करा दिया है.

इन पांच राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू

वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि इन पांच राज्यों ने केंद्र सरकार/पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को अपने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) फिर से शुरू करने के फैसले के बारे में बता दिया है. कराड ने यह भी कहा कि पीएफआरडीए अधिनियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत ग्राहकों की संचित राशि अर्थात एनपीएस में सरकार और कर्मचारियों का योगदान, राज्य सरकार को वापस किया जा सकता है.

बीजू जनता दल के सांसद भर्तृहरि महताब ने सरकार ने पुरान पेंशन योजना पर मांगी जानकारी

दरअसल बीजू जनता दल के सांसद भर्तृहरि महताब ने केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन योजना सहित पांच सवाल पूछे और उत्तर मांगा. उन्होंने सरकार से पूछा, क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि

(क) क्या देश के कतिपय राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) कार्यान्वित की जा रही है.

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर सरकार की कया प्रतिक्रिया है.

(ग) क्‍या ओपीएस का राज्य सरकार के राजकोष पर प्रभाव पड़ने की संभावना है.

(घ) क्या ओपीएस के कारण अतिरिक्त वित्तीय भार से राज्य सरकारों के कर्ज में वृद्धि होने की संभावना है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर सरकार की कया प्रतिक्रिया है.

(ङ ) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं?

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