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Covid-19 impact : कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही देश में लॉकडाउन लगने के साथ ही जहां लाखों लोगों की नौकरियां चली गयीं, तो हजारों कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में अधिकतम 50 फीसदी तक कटौती कर दी. ऐसी संकट की घड़ी में कामगारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत खोले गए भविष्य निधि खाते (PF account) संजीवनी बूटी साबित हुए. सरकार ने संसद सत्र के दौरान लोकसभा में बताया कि देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए 25 मार्च से 31 अगस्त तक लागू लॉकडाउन के दौरान ईपीएफ सदस्यों ने अपने-अपने खातों से करीब 39,400 करोड़ रुपये की निकासी की.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोगों ने पीएफ खातों से की निकासी
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा को दिए लिखित जवाब में बताया कि 25 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 के बीच ईपीएफ से 39,402.94 करोड़ रुपये की निकासी की गयी. इसमें सबसे ज्यादा राशि (7,837.85 करोड़ रुपए) महाराष्ट्र में निकाली गयी. इसके बाद कर्नाटक के लोगों ने ईपीएफ अकाउंट से 5,743.96 करोड़ रुपये और तमिलनाडु-पुडुचेरी ने 4,984.51 करोड़ रुपये निकाले. आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफ में जमा रकम कर्मचारियों के लिए बड़ा सहारा बनकर सामने आयी है.
ईपीएफओ ने 94.41 लाख दावों का किया निपटान
इसके साथ ही, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना लॉकडाउन के दौरान ईपीएफ खातों से 2,940.97 करोड़ रुपये निकाले गए. संतोष गंगवार ने बताया कि आर्थिक राहत देने के लिए ईपीएफ ने अपने 12 फीसदी योगदान के साथ ही कर्मचारियों के 12 फीसदी योगदान का भार भी छह महीनों तक उठाया. अप्रैल से अगस्त के दौरान ईपीएफओ ने 94.41 लाख दावों का निपटान किया, जिनके जरिये 3,54,455 करोड़ रुपये की निकासी की गयी. यह पिछले साल अप्रैल से अगस्त के बीच हुए दावों की तुलना में 32 फीसदी ज्यादा थे.
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Posted By : Vishwat Sen
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