देश में कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) को रोकने के लिए लगाए गए मिनी लॉकडाऊन (Mini Lock Down) और कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) ने देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुक्सान पहुंचाया है. देश की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) में भी कमी आयी है. कोरोना ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कितना प्रभावित किया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, आरबीआई ने ग्रोथ रेट का टारगेट 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है.

कमजोर पड़ रही है देश की अर्थव्यवस्थाः गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना से लड़खड़ा गई है. देश के ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन रहने के कारण इसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था में 1 फीसदी की गिरावट आने का आंदेशा है. हालांकि नीती आयोग ने कहा है कि पहली तिमाही में गिरावट आएगी. लेकिन वित्तीय वर्ष 2022 में अर्थव्यवस्था 10 से 10.50 फीसदी का ग्रोथ कर लेगा.

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीः आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यह लगातार छठीं बार ऐसा हो रहा है जब आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नही किया है. रेपो रेट 4 फीसदी पर ही स्थिर है. यहीं नहीं रिवर्स रेपो रेट (RRR) को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. बता दे, कोरोना को देखते हुए आरबीआई ने रोपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.

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चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी जीडीपीः आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022 में 9.5 फीसदी की दर से GDP में इजाफे का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने कोरोना महामारी से उपजे संकट को देखते हुए ग्रोथ रेट में कमी की है. वहीं, आरबीआई के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.3 फीसदी रह सकती है.

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Posted by: Pritish Sahay

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