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कोल इंडिया लिमिटेड के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए मजदूर संगठनों के साथ हुए समझौते को सरकार की मंजूरी मिल गयी है. इधर कोल इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारियों के एक संगठन ने गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के साथ उनके वेतन विवाद का समाधान नहीं होने तक हड़ताल पर जाने की धमकी दे दी है.
वेतन संशोधन 1 जुलाई से लागू
इस समझौते से सीआईएल और एससीसीएल के लगभग 2.81 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा, जो एक जुलाई, 2021 को कंपनी के वेतनमान पर थे. कोल इंडिया ने 1 जुलाई, 2021 से प्रभावी 21 महीने की अवधि के लिए 9,252.24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
क्या है कार्यकारी अधिकारियों की मांग
ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एक्जीक्यूटिव्स (एआईएसीई) ने कोल इंडिया के चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा कि गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए नए वेतन समझौते के चलते कार्यकारी अधिकारियों के साथ वेतन विवाद होगा. एसोसिएशन ने मांग की कि कार्यकारी कर्मचारियों को व्यक्तिगत वेतन पैकेज के माध्यम से वेतन-संरक्षण की अनुमति देकर मुआवजा दिया जाना चाहिए, ताकि उनका वेतन श्रमिकों के वेतन से कम न हो. एआईएसीई के महासचिव पी के सिंह राठौड़ ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो कार्यकारी अधिकारियों को हड़ताल सहित आंदोलन का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.
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