Adani-Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम अदाणी को हिंडनबर्ग मामले में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने सेबी की जांच को सही ठहराया है. कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए दो मामलों की जांच के लिए 3 महीने का समय और दिया है. साथ ही, मामले की जांच सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से एसआईटी को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि सेबी ने रिपोर्ट में आरोपों से जुड़ी हुई 22 मामलों में से 20 पर अपनी जांच को पूरा कर लिया है. सुनवाई के द्वारा सॉलिसिटर जनरल की ओर से दिये गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए हमने सेबी को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. बता दें कि इससे पहले 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि, शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को अमेरिकी ने भी फर्जी करार दे दिया है.

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गौतम अदाणी ने दी प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गौतम अदाणी ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सत्यमेव जयते सत्य की जीत हुई है. साथ देने वाले सभी का आभारी हूं. देश के विकास कार्य में योगदान जारी रहेगा. गौरतलब है कि इससे पहले कंपनी के एजीएम में 18 जुलाई को कहा था कि उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मकसद केवल ग्रुप की छवि को वैश्विक बाजार में खराब करके मुनाफा कमाना था. रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों को मिलाकर तैयार की गई थी, जिनमें से ज्यादातर आरोप 2004 से 2015 तक के थे.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में क्या कहा था

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने वाले बाजार नियामक सेबी पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है. उसने कहा कि बाजार नियामक की जांच के बारे में भरोसा नहीं करने के लायक कोई भी तथ्य उसके समक्ष नहीं है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए दावों को पूरी तरह तथ्यों पर आधारित नहीं मानकर चल रहा है. पीठ ने कहा कि उसके समक्ष कोई तथ्य न होने पर अपने स्तर पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना उचित नहीं होगा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले से संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. न्यायालय ने कुछ मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सेबी को अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए कहे जाने पर आपत्ति जताई. उसने कहा कि वह एक वैधानिक नियामक को मीडिया में प्रकाशित किसी बात को अटल सत्य मानने को नहीं कह सकता है.

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