प्याज कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद ओड़िशा ने दिखायी हिम्मत, नहीं मांगी केंद्र सरकार से मदद

नयी दिल्ली : सबसे गरीब और बीमारू राज्यों में शुमार ओड़िशा ने गजब की हिम्मत दिखायी है. इस साल पूरे देश में प्याज के बंपर उत्पादन के बीच इसकी कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. ऐसे में कई राज्यों ने मदद के लिए केंद्र सरकार के दरवाजे पर दस्तक दी. इसके बावजूद ओड़िशा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2017 10:48 AM
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नयी दिल्ली : सबसे गरीब और बीमारू राज्यों में शुमार ओड़िशा ने गजब की हिम्मत दिखायी है. इस साल पूरे देश में प्याज के बंपर उत्पादन के बीच इसकी कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. ऐसे में कई राज्यों ने मदद के लिए केंद्र सरकार के दरवाजे पर दस्तक दी. इसके बावजूद ओड़िशा ने केंद्र सरकार के सामने मदद के लिए अब तक कोई गुहार नहीं लगाया है. इस बात को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि ओड़िशा में प्याज की कीमतें भारी गिरावट के साथ तीन से चार रुपये प्रति किलो रह गयी हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक किसी योजना के तहत इसकी खरीद करने के लिए केंद्र से अब तक कोई मदद नहीं मांगी है.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्रीय योजना बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) को लागू करने का अनुरोध नहीं किया होगा, क्योंकि वह खरीद के कारण 50 फीसदी का वित्तीय बोझ नहीं वहन करना चाहती होगी. सिंह ने एक बयान में कहा कि यह जानकारी हमें मिली है कि ओड़िशा में प्याज की कीमतें भारी गिरावट के साथ वहां की मंडियों में तीन से चार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. इससे किसान प्रभावित भी हो रहे हैं. ओड़िशा सरकार ने एमआईएस को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से अभी तक कोई अनुरोध नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि इस योजना को कुछ राज्यों में लागू किया जा रहा है. उदाहरण के लिए एमआईएस के तहत कर्नाटको सुपारी की खरीद की गयी. इसी प्रकार आंध्र प्रदेश और तंलगाना से मिर्च की खरीद की गयी, जबकि उत्तर प्रदेश में आलू की खरीद की गयी. सिंह ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ओड़िशा सरकार लागत को बोझ नहीं उठाना चाहती और इस कारण से उसने इस योजना को लागू करने का अनुरोध नहीं किया है.

एमआईएस के तहत उन कृषि जिंसों की खरीद की जाती है जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं निर्धारित किया गया होता है और बाजार में उनके दाम में तेज गिरावट से उत्पादकों के लिए संकट की स्थिति बन रही होती है.

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